औरंगाबाद/ Dinanath Mouar : स्वामी रंगानाथ आचार्य के बीजेपी सांसद सुशील कुमार सिंह से की गई अमर्यादित बातो को लेकर भाजपा नेताओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. भाजपा के औरंगाबाद जिला अध्यक्ष मुकेश कुमार शर्मा ने स्वामी रंगानाथ आचार्य के द्वारा सांसद से बोले गए शब्दों को नींदनिय बताया है. उन्होंने कहा कि आचार्य ने सांसद से बात करने के लिए जो शब्दों का चयन किया वह किसी संत की भाषा नहीं हो सकती. भगवा ध्वज कपड़ा पहनने के बाद हिंदू समाज उन्हें पूजने लगता है. क्यों ना वह गलत प्रवृत्ति का ही आदमी हो. सांसद सुशील कुमार सिंह तो सिर्फ आचार्य रंगानाथ से आशीर्वाद प्राप्त करने गए थे.
आशीर्वाद में जिस प्रकार संत ने अपने शब्दों से उन्हें कुंठित किया उससे तो लगता है कि कहीं ना कहीं वह संत किसी न किसी राजनीतिक पार्टी या व्यक्ति से प्रभावित होकर अपने भाषा का प्रयोग किया जो संत को कदापि नहीं करना चाहिए था. क्योंकि संत एक हिंदू समाज का धरोहर है और उनकी वाणी अमृत के समान होनी चाहिए. लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया उस संत को मैं भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ता होने के नाते कहना चाहता हूं कि वह अपनी गरिमा को बचाए रखें. उसे तार तार करने की कोशिश न करे।एक संत को अमर्यादित भाषा का उपयोग नहीं करना चाहिए.
उन्होंने कहा कि संत के पास कोई ऐरा गैरा नहीं गया था बल्कि जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि आपके पास आशीर्वाद प्राप्त करने गए थे. संत के द्वारा सांसद से इस तरह से बात करना अशोभनीय है. उन्होंने कहा कि आप कौन से संत हैं जिस पर आत्मघाती हमला हुआ है. आप समाज के लिए अपना जीवन दे दिए तो समाज आप पर क्यों हमला करेगा. उन्हें संत हम नहीं कह सकते कहीं ना कहीं आप हिंदू समाज के साथ विश्वास घात कर रहे हैं या तो आप राजनीतिक क्षेत्र में आए या फिर संत का जो गेरुआ वस्त्र धारण किए हैं उसको निकाल फेंकिए.
उन्होंने कहा कि संत के मुख से राजनीतिक बातें अशोभनीय है। आप भी गेरुआ वस्त्र त्याग कर जनता के बीच आइए और खुलकर राजनीति कीजिए। तब पता चलेगा की जनता के द्वारा चुने गए प्रतिनिधि का क्या महत्व होता है.गेरुआ वस्त्र पहन कर चोर डकैत लुटेरा भी घूम रहे हैं। संत ने भगवा कपड़ा को कलंकित करने का काम किया है उन्होंने नाम नहीं लेते हुए इसे विरोधियों की साजिश करार दी है. और कहा कि बरसात आते बहुत से मेंढक इधर-उधर घूमने लगते हैं और टरटराया करते हैं.