औरंगाबाद/ Dinanath Mouar : औरंगाबाद जिला मुख्यालय से लेकर सुदूरवर्ती इलाके तक बहनों ने बड़ी ही धूम धाम से भाई दूज का त्यौहार मनाया. इस त्यौहार को लेकर सुबह से ही बहनों के बीच एक अजब ही खुशी का माहौल देखा जा रहा था. सुबह होते ही सभी बहन ने रेंगनी की कांटा को लेकर अपने जिव्हा में गड़ाया और यहम देव की गोवर का प्रतिमा बना कर पूजा अर्चना की. लोगो का मानना है कि आज के दिन आदि काल मे एक गोधना नामक राक्षस का अंत सभी बहना ने मिलकर किया था.
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बताया जाता है कि गोधना नामक राक्षस की आतंक से पूरे धरती पर त्रासदी मचा हुआ था और लोग उसके भय से भयभीत रहते थे जिसे आज के ही दिन सभी बहनों ने मिलकर अपने अपने भइयो की रक्षा हेतु गोधना का बध्य किया था तबसे इस त्यौहार को गोधन के नाम से भी जाना जाता है. वही हिन्दू धर्म शास्त्र को मने तो आज के दिन भगवान बिष्णु अपने सैन्य अवस्था से जागते है.
उन्हें आज माँ अनपुर्णा के द्वार धरती से उतपन्न नये फसलो को कूट कर 56 प्रकार के व्यंजन से भोग लगाया जाता है जिसको लेकर इस पर्व को अंकुट के भी नाम से जाना जाता है, वही कुछ लोग इस त्यौहार को महाराज चित्रगुप्त के जन्म दिन के रूप में भी मनाते है, इस त्यौहार को लेकर लोगो मे भिन्न भिन्न तरह के मानता है. जो शास्त्रो में भी वर्णित है.
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