शनिवार को सरायकेला में पारंपरिक नूआखिया पूजा का आयोजन किया गया. सरकार की ओर से किए जाने वाले उक्त कार्यक्रम के तहत पाऊड़ी स्थित मां पाऊड़ी स्थान पर क्षेत्र की इष्ट देवी मां पाउड़ी की विधि विधान के साथ आराधना की गई. इस अवसर पर पाहन द्वारा माता की आराधना की गई. पूजा में बतौर यजमान सरायकेला एसडीओ रामकृष्ण कुमार व राजकीय छऊ नृत्य कला केंद्र के निदेशक गुरु तपन कुमार पटनायक शामिल हुए. गुरु तपन कुमार पटनायक ने बताया कि खेतों से आए पहले धान की फसल का माता को चढ़ावा चढ़ाते हुए क्षेत्र के सुख, समृद्धि एवं शांति की मंगलकामना की जाती है. साथ ही कोरोनावायरस के संक्रमण से क्षेत्र की सुरक्षा के लिए इष्ट देवी से प्रार्थना की गई. इस अवसर पर विजय कुमार साहू सहित कलाकार उपस्थित रहे. इसके बाद मां झुमकेश्वरी को भी नया धान अर्पण करते हुए प्रार्थना की गई. जिसके पश्चात मां झुमकेश्वरी स्थल पर ही चढ़ाए गए भोग का प्रसाद तैयार कर सेवन किया गया. मान्यता है कि इष्ट देवी मां पाऊड़ी एवं माता झुमकेश्वरी को खेतों से आए पहले धान का चढ़ावा चढ़ाने के बाद ही घरों में नए धान के चावल पकाए जाते हैं.
कल मनेगा षष्ठी पूजा: रविवार को सरायकेला में परंपरागत षष्ठी पूजा मनाया जाएगा. जिसमें परंपरा अनुसार सरकार की ओर से पुराने बस स्टैंड स्थित दुर्गा मंडप में मिट्टी की पूजा की जाएगी. मान्यता रही है, कि षष्ठी पर मिट्टी की पूजा के बाद ही पूरे वर्ष भर में होने वाले पूजन उत्सव के लिए प्रतिमा का निर्माण उसी मिट्टी से किया जाता है.
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