बेस्ट सिटीजन और बेस्ट फार्मर के अवार्ड से सम्मानित सरायकेला के राजेश कुमार साहू शहर में बसा ली निर्मल गांव की दुनिया
6.5 एकड़ जमीन पर खेती के साथ फार्मिंग कर गौ पालन करते हुए 65 परिवारों को दे रहे हैं रोजगार.
बाजारों में या सड़कों पर भटक रही गायों को पानी पिलाकर और अनाज खिलाकर गौ सेवा किए जाने की बात कही जाए तो इसे सामान्य सा लगने वाला प्रक्रिया समझा जा सकता है, लेकिन जहां गाय को गौ माता कहकर ही संबोधित किया जाए और गौ माता को दिन के दो समय कृत्रिम बारिश में नहलाकर, ग्लूकोज और कैलोरी युक्त प्रोटीन डायट खिलाकर पंखे और कूलर की ठंडी हवा के साथ सेवा की जाए तो इसे विशेष कहा जा सकता है.
अपने फार्म हाउस में राजेश साहू
सरायकेला के समाजसेवी राजेश कुमार साहू ने अपनी माता स्वर्गीय जामवंती देवी की प्रेरणा से कुछ ऐसा ही प्रयास किया है. जहां उन्होंने सरायकेला के इंद्रटांडी स्थित अपने 6.5 एकड़ जमीन पर शहर में ही हाईटेक गांव की एक छोटी सी संपन्न दुनिया बसा रखी है. नर ही नारायण सेवा और गौ सेवा परम धर्म के एकमात्र उद्देश्य से संचालित उक्त फार्म में पालतू चूहे से लेकर उनके प्रिय घोड़ी डोली तक भी मौजूद है. इसके अलावा उन्नत किस्म के बकरी पालन, मुर्गी पालन और बत्तख पालन का कार्य में जारी है. परंतु इन सभी के बीच में गौ पालन की श्रेष्ठता रखी गई है.
फार्म हाउस में गायों के साथ राजेश साहू
इसके अलावा फार्म क्षेत्र में तालाब विकसित कर मछली पालन, बारहमासी नारियल और आम सहित अन्य फलदार पौधे और अनाज तथा सब्जी की खेती बेहतर गुणवत्ता के साथ की जाती है. जहां मजदूर और मालिक नहीं मालिक के स्थान पर भैया के संबोधन से 65 परिवार रोजगार के साथ जुड़े हुए हैं. स्वर्गीय माता जी की प्रेरणा से वर्ष 1997 में राजेश कुमार साहू को शुरू किए गए फार्मिंग के उक्त प्रयास को लेकर वर्ष 2011-12 में तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा द्वारा दुग्ध उत्पादन के क्षेत्र में बेहतर प्रयास के लिए प्रथम पुरस्कार से नवाजा जा चुका है. इसके अलावा जिला प्रशासन के तत्वधान वर्ष 2014 में बेस्ट फार्मर और वर्ष 2018 में बेस्ट सिटीजन के अवार्ड से सम्मानित किया जा चुका है. नारायण सेवा संस्थान उदयपुर से जुड़कर राजेश कुमार साहू प्रतिवर्ष नर ही नारायण सेवा के लिए संस्थान को गरीब बच्चों के स्वास्थ्य समस्या और गरीब बेटियों के विवाह को लेकर आर्थिक मदद करते रहे हैं.
मात्र तीन गायों से शुरू की थी गौ सेवा
मां की प्रेरणा से वर्ष 1997 में राजेश कुमार साहू ने मात्र 3 गायों के साथ गौ सेवा का छोटा सा प्रयास शुरू किया था, जो आज विभिन्न नस्लों की 55 गायों के साथ संपन्न है. जहां प्रतिदिन 350 लीटर दूध का उत्पादन किया जाता है. उचित कीमत पर ऑन द स्पॉट शुद्ध दूध और दुग्ध उत्पाद लोगों को उपलब्ध कराना एकमात्र उद्देश्य राजेश बताते हैं. इससे हुई आय का खर्च भी गौ माता की सेवा और गौ माता की सेवा करने वाले मजदूरों में बंटता है. इतना ही नहीं फार्म से होने वाली आमदनी के लिए फार्म में ही एक बैंक विकसित किया गया है. जिसका लाभ फार्म में सेवा दे रहे परिवारों के बीच समान रूप से बांट लिया जाता है.
“फार्म का एकमात्र उद्देश्य गौ सेवा के साथ मानव सेवा के प्रयास के रूप में किया जा रहा है. जिसे सभी आवश्यकताओं को एक छोटे से भूमि भाग में जोड़ते हुए विकसित करने का प्रयास है”
राजेश कुमार साहू
फार्म प्रमुख सह समाजसेवी सरायकेला