आदित्यपुर: देश के पहले दलित मुख्यमंत्री स्व. भोला पासवान शास्त्री की जयंती पर अखिल झारखंड दुसाध महासभा सरायकेला- खरसावां की ओर से गुरुवार को आदित्यपुर स्थित महासभा के अध्यक्ष सरयू पासवान के आवास पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित कर उनके आदर्शों पर चलने का प्रण लिया गया.
इस अवसर मुख्य वक्ता के रूप में समाजसेवी कमलेश्वरी पासवान उपस्थित थे. कमलेश्वरी पासवान ने कहा भोला बाबू सामाजिक समरसता और ईमानदारी के मिसाल थे. इस अवसर पर वक्ताओं ने कहा आज के परिवेश में उनकी जीवनी से सीख लेने की आवश्यकता है.
तीन बार बिहार के सीएम, लेकिन अपना बंगला तक नहीं
बता दें कि भोला पासवान शास्त्री 1968 में पहली बार बिहार के सीएम बने थे, हालांकि वे केवल तीन महीने ही मुख्यमंत्री रहे. इसके बाद 1969 में 13 दिन और 1971 में 7 महीने के लिए भोला बाबू फिर से सीएम बने, लेकिन इस दौरान उन्होंने क्या कमाया ? बस उतना जितना वेतन होता है, उसके अलावा एक फूटी कौड़ी तक नहीं. ना अपनी गाड़ी, न पटना के पॉश इलाके में आलीशान बंगला, जिसके बाहर गोल्डेन नेम प्लेट पर भूतपूर्व मुख्यमंत्री लिखा हो. झोपड़ी में ही जिए और झोपड़ी में ही जीवन का अंत समय गुजारा.
ये थे मौजूद
इस अवसर पर मुख्य रूप से डीएसपी वीरेंद्र राम, सेवानिवृत मार्केटिंग ऑफिसर आरपी रही, महेश राम, प्रेमचंद प्रसाद, अधिवक्ता रविशंकर पासवान, प्रमोद कुमार, छोटू पासवान, रंजीत दास एवं लाल बहादुर शास्त्री मौजूद थे.