गिरिडीह: एआईएमआईएम के प्रवक्ता और दिल्ली के प्रदेश अध्यक्ष शोएब जमई ने वक्फ बिल को लेकर कहा है कि यह बिल मुसलमानों पर जबरन थोपने का प्रयास है. इस मामले को लेकर देशव्यापी आंदोलन होगा. जिसकी शुरुआत दिल्ली से होगी. इस मामले को लेकर गिरिडीह में शोएब जमई ने अपने आवास पर मीडिया से बात की.


एआईएमआईएम प्रवक्ता ने कहा कि राम मनोहर लोहिया ने कहा था कि जब “सड़कें सुनी हो जाती है, तो संसद आवारा हो जाता है”. सड़कें ही इस देश में वर्षों से आंदोलन का जरिया रही हैं. शोएब जमई ने कहा कि हर तरह के आंदोलन का माध्यम सड़क ही रही है. आंदोलन करना लोकतंत्रिक अधिकार भी है. ऐसे में यदि आंदोलन की जरूरत पड़ी तो दोबारा से ऐसे आंदोलन होंगे जो 2020 में हुआ था. उन्होंने कहा कि जो लोग कहते हैं कि आंदोलन गलत है तो जो शाहीनबाग आंदोलन के दरमियान 104 दिन आंदोलन हुआ, वहां न तो पुलिस से झड़प हुई और न ही कोई गोली चली है. शोएब जमई ने कहा कि जो लोग दंगा करने के जिम्मेदार थे, वे सरकार में मंत्री बने बैठे हैं, उन्होंने कहा कि एक समाज को हतोत्साहित करना यह कहां तक उचित है. यह वक्फ बिल नहीं, यह वक्फ बर्बाद बिल है, यह एक षड्यंत्र है. शोएब जमई ने कहा कि वक्फ के अंदर डीएम की मौजूदगी के बाद यह कैसे निर्णय दे दिया गया कि दो गैर मुस्लिम मेंबर भी रहेंगे. एआईएमआईएम प्रवक्ता ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या चार धाम बोर्ड में दो मुस्लिम मेंबर को अनिवार्य किया जाएगा, अगर ऐसा नहीं हो सकता है तो फिर गैर मुस्लिम को वक्फ के अंदर मेंबर का होना अनिवार्य कैसे कर दिए गए. साथ ही बिल में जो अधिकार कलेक्टर को दिया गया है, वह भी गलत है. एआईएमआईएम प्रवक्ता ने कहा कि केंद्र की सरकार देश को अशांति और अराजकता की तरफ लेकर जाना चाहती है. इसके साथ ही किसी खास समुदाय के एजेंडा को भाजपा लागू करना चाहती है, जो शर्मनाक है. उन्होंने कहा कि इस बिल का पुरजोर विरोध होना चाहिए और एआईएमआईएम देश भर आंदोलन को लीड करने के लिए तैयार है.
बाईट
शोएब जमई (एआईएमआईएम प्रवक्ता)
