GAYA भारत देश को विभिन्नताओं का देश कहा जाता है. यहां प्रत्येक 3 कोस पर भाषा, संस्कृति और सभ्यता में विभिन्नता पाई जाती है. जो आज भी कई जगहों पर देखने को मिलती है.
वैसे तो पूरे देश में होली एक दिन मनाई जाती है, लेकिन बिहार के मगध प्रमंडल के कई जिलों में होली के एक दिन बाद झुमटा पर्व मनाने की परंपरा रही है. झुमटा के दिन स्थानीय लोग रंग के अलावा एक दूसरे को पानी की बौछार से सराबोर करते हैं और गीत- संगीत पर जमकर झूमते हैं. रंग के बाद पानी से झुमटा खेलने की यह परंपरा काफी पौराणिक है. जो गया जिला के अलावा नवादा, जहानाबाद, औरंगाबाद सहित आस- पास के कई जिलों में आज भी बदस्तूर जारी है. गया जिले के केंदुई, केंदुआ, बक्सु बिगहा, बोधगया, खिरियावां सहित शहर के कोयरीबारी, बाटामोड़, राजेन्द्र आश्रम, मुरारपुर सहित अन्य कई मोहल्लों में आज झुमटा पर्व मनाया जा रहा है. इस दौरान स्थानीय लोग एक- दूसरे के अलावा सड़कों पर आने- जाने वाले लोगों को भी पानी की बौछार से सराबोर कर रहे हैं.
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इस संबंध में केंदुई गांव निवासी चंदन कुमार सिंह ने बताया कि झुमटा की यह परंपरा काफी पुरानी है. होली पर्व के एक दिन बाद झुमटा मनाया जाता है. जिसमें अहले सुबह से ही लोग एक- दूसरे को पानी से भिंगोते है. वही देर संध्या में मटका भी टांगा जाता है, जिसे युवा उत्साहित होकर डंडे से मटका को फोड़ते हैं. यह परंपरा पौराणिक काल से ही चली आ रही है. इसमें लोग खूब मौज मस्ती करते हैं. उन्होंने कहा कि आज भी स्वराजपुरी केंदुई गांव सहित अन्य आस- पास के कई गावों में यह परंपरा मनाई जा रही है. जिसमें गांव के युवा व पुरुष शामिल हैं. साथ ही हमलोग शांतिपूर्ण माहौल में झुमटा मनाते हुए एक- दूसरे को बधाई दे रहे हैं
चंदन कुमार सिंह (केंदुई गांव निवासी)
गया से प्रदीप कुमार सिंह की रिपोर्ट