अफगानिस्तान (Afghanistan) पर तालिबान (Taliban) के कब्जे के बाद वहां पर जीवन काफी मुश्किल हो गया है. इस बीच हालात बिगड़ने के कारण कई भारतीय (Indian) इस वक्त वहां पर फंसे हुए हैं,
जिन्हें निकालने की कोशिशें की जा रही हैं. उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ (Azamgarh) समेत आसपास के जिलों के भी करीब 28 लोग इस वक्त अफगानिस्तान की एक फैक्ट्री में फंसे हुए हैं, जो घर वापसी की आस लगाए बैठे हैं. इनमें आजमगढ़ जिले के नरांव गांव के रहने वाले धर्मेंद्र चौहान भी शामिल हैं. धर्मेंद्र के परिवार के मुताबिक, उनके अलावा करीब 28 लोग स्टील फैक्ट्री में फंसे हैं. इनमें गोरखपुर, देवरिया और आसपास के इलाकों के लोग हैं.
जानकारी के मुताबिक, इन सभी को फैक्ट्री मालिक ने एक कमरे में बंद किया है और इनके पासपोर्ट भी नहीं दिए जा रहे हैं. ऐसी बुरी स्थिति में फंसे लोगों के परिजन, जो कि भारत में हैं काफी परेशान हैं और उनसे बड़ी मुश्किल से बात हो पा रही है. ऐसे में परिजनों ने भारत सरकार से अपील की है कि जल्द से जल्द उन्हें वापस लाया जाए. दरअसल, अफगानिस्तान में भारत सरकार के सहयोग से कई प्रोजेक्ट पर काम चल रहा है. इन्हीं प्रोजेक्ट पर काम करने के लिए भारत से भी बड़े स्तर पर लोग गए हुए हैं.
आजमगढ़ के धर्मेंद्र चौहान के पिता हरखू चौहान के मुताबिक, फैक्ट्री में सभी युवकों को अलग-अलग कमरों में बंद किया गया है. कमरे से बाहर निकलना मना है, फैक्ट्री मालिक सिर्फ यही कह रहा है कि जब स्थिति बेहतर होगी तब किसी अन्य रास्ते पर विचार किया जाएगा. अब अफगानिस्तान में फंसे लोगों को भारत सरकार से उम्मीद है कि उन्हें सुरक्षित निकाल लिया जाएगा. आपको बता दें कि भारत द्वारा अपनी एम्बेसी के लोगों को तो काबुल से सुरक्षित बचा लिया गया है. अब भारत की कोशिश वहां पर फंसे सभी भारतीय नागरिकों को वापस लाने की है. भारत सरकार द्वार इसको लेकर तैयारियां की जा रही हैं, इनके अलावा अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू, सिख समुदाय के लोगों को भी मदद पहुंचाई जाएगी.
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