अफगानिस्तान (Afghanistan) में तालिबानी शासन की शुरुआत होने के बाद से ही भारत का फोकस वहां पर फंसे अपने लोगों को निकालने पर रहा है. अभी तक भारतीय दूतावास (Indian Embassy) के अधिकारियों, स्टाफ, सुरक्षाकर्मियों को वापस लाया गया है.
अब अन्य भारतीयों को वापस लाने पर फोकस है, जानकारी के मुताबिक करीब 1650 भारतीयों ने काबुल स्थित भारतीय दूतावास में मदद की गुहार लगाई है. समाचार एजेंसी ANI के मुताबिक, विदेश मंत्रालय द्वारा अफगानिस्तान में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर, ई-मेल आईडी जारी किए गए थे. इसी बीच करीब 1650 भारतीयों ने वतन वापसी के लिए अप्लाई किया है. माना जा रहा है कि अब जब तालिबानी राज़ का आगाज़ हो गया है, तो ये संख्या बढ़ भी सकती है. भारत ने बीते दिन तक करीब 150 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाल लिया है. इनमें अधिकतर भारतीय दूतावास में काम करने वाले लोग ही हैं. लेकिन अन्य हिस्सों में फंसे भारतीय कर्मचारी और अन्य लोगों को निकालने पर भी ज़ोर दिया जा रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की अगुवाई में बीते दिन सुरक्षा मामलों की कैबिनेट कमेटी की बैठक हुई थी. इसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी भारतीयों की सुरक्षित वापसी की बात कही थी, साथ ही अफगानिस्तान में रहने वाले हिन्दू-सिख समुदाय के लोगों को हर संभव मदद पहुंचाने को कहा था. इसके अलावा सरकार की ओर से अफगानी लोगों को भी मदद दी जाएगी. वहीं काबुल में मौजूद भारतीय दूतावास अभी भी काम कर रहा है और वहां पर स्थानीय स्टाफ मौजूद है. जो कि वहां फंसे भारतीयों को मदद पहुंचा रहा है. बता दें कि काबुल एयरपोर्ट पर भगदड़ के बाद कुछ वक्त के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन बंद हुआ था, लेकिन अब वो फिर से शुरू हो गया है. अमेरिका और नाटो फोर्स की मदद से लोगों को बाहर निकाला जा रहा है. गौरतलब है कि तालिबान की ओर से बीते दिन प्रेस कॉन्फ्रेंस कर ये भरोसा दिया गया है कि वो किसी भी विदेशी या स्थानीय नागरिक को नुकसान नहीं पहुंचाएगा. अमेरिका की मानें तो तालिबान इस बात पर राज़ी हो गया है कि अगर कोई देश छोड़कर जाना चाहता है, तो उसे सेफ पैसेज दिया जाएगा.