आदिवासी सेंगेल अभियान की एक अहम बैठक जमशेदपुर के करनडीह में संपन्न हुई. जिसकी अध्यक्षता केंद्रीय संयोजक विमो मुर्मू ने की. इस संबंध में आदिवासी में अभियान द्वारा आगामी 21 जून को संथाल समाज के वैसे बुद्धिजीवियों का राष्ट्रीय स्तर पर पुतला दहन करने का निर्णय लिया, जो आदिवासी होने के नाते एसटी के प्रमाण पत्र के आधार पर शिक्षा ग्रहण कर ऊंची- ऊंची नौकरियां कर रहे हैं, लेकिन आदिवासियों और आदिवासी समाज के विकास में उनका कोई योगदान नहीं हो रहा है. साथ ही वैसे लोगों को सम्मानित किए जाने का निर्णय लिया गया जो आदिवासी समाज के हित में निरंतर कार्य कर रहे हैं इस संबंध में आदिवासी सेंगेल अभियान के केंद्रीय संयोजक ने बताया, कि आदिवासी समाज अभी भी रूढ़ीवादी परंपराओं पर चल रहा है. समाज में डायन- बिसाही जैसी कुरीतियों का प्रचलन जारी है. समाज का अस्तित्व खतरे में है ऐसे में अगर बुद्धिजीवी वर्ग सामने नहीं आएंगे तो समाज का विकास संभव नहीं है.
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