सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम की 11वीं बोर्ड बैठक भी हंगामेदार रही. जहां वार्ड 30 की पार्षद अमृता चौधरी बोर्ड मीटिंग का जोरदार विरोध करते हुए मीटिंग हॉल से बाहर निकल गई. पार्षद अमृता चौधरी ने नगर निगम की ओर से संचालित सभी योजनाओं पर गंभीर सवाल उठाते हुए मेयर, डिप्टी मेयर और नगर आयुक्त पर पार्षदों को धोखे में रखकर योजनाओं का चयन और क्रियान्वयन का आरोप लगाया. पार्षद अमृता चौधरी ने बताया, कि आदित्यपुर नगर निगम के सभी 35 वार्डों में वृहद जलापूर्ति योजना के तहत पाइपलाइन का काम चल रहा है. साथ ही सीवरेज और ड्रेनेज के अलावा पाइप लाइन से गैस आपूर्ति की भी योजना चल रही है. सभी योजनाओं से संबंधित पूरी जानकारी पार्षदों को नहीं दी गई है. एजेंसियों के साथ खानापूर्ति के लिए बैठक करा दिया गया, मगर उनके वार्ड में आज तक न एजेंसी के प्रतिनिधि झांकने पहुंचे न मेयर, डिप्टी मेयर या नगर आयुक्त. बोर्ड मीटिंग्स में पार्षदों द्वारा सवाल पूछे जाने पर सांत्वना देकर शांत करा दिया जाता है. उन्होंने मेयर और डिप्टी मेयर पर पार्षदों के सवालों का सीधा-सीधा जवाब नहीं देने का आरोप लगाया. उन्होंने बताया, कि अब कुछ ही दिन नगर निगम के चुनाव के बच गए हैं, ऐसे में पार्षद जनता के बीच जब जाएंगे और जनता जब उनसे सवाल करेगी, तो उनके पास क्या जवाब होगा. यही सवाल जब आज के बोर्ड बैठक में उन्होंने किया तो फिर से टालमटोल का रुख देखते हुए उन्होंने बोर्ड बैठक का बहिष्कार कर दिया. हालांकि उनके बहिष्कार के फैसले का मौजूद कई पार्षदों ने समर्थन भी किया, लेकिन मेयर और डिप्टी मेयर के समझाने के बाद सभी पार्षद वापस मीटिंग में बैठ गए. पार्षद श्रीमती चौधरी ने नगर निगम क्षेत्र में चल रहे सभी योजनाओं में बड़ी गड़बड़ी की आशंका जताई है. हालांकि पार्षद के बहिष्कार के बाद भी बोर्ड बैठक चलता रहा. वैसे आदित्यपुर नगर निगम के लिए यह कोई नई बात नहीं है. इससे पूर्व भी कई पार्षद बोर्ड बैठक में अपनी नाराजगी जताते हुए बैठक का बहिष्कार कर चुके हैं. ऐसे में अब देखना यह दिलचस्प होगा, कि पार्षद अमृता चौधरी के आज के विरोध के बाद नगर निगम प्रशासन कितना गंभीर होता है. क्या वाकई अमृता चौधरी के दावों पर जांच होती है, या फिर सब ठंडे बस्ते में चला जाता है. आपको याद दिला दें, कि इससे पूर्व वार्ड 31 की पार्षद रिंकू राय ने मेयर विनोद श्रीवास्तव पर आठवें बोर्ड बैठक में कई गंभीर आरोप लगाए थे. यहां तक कि उन्होंने मेयर पर अपने पार्षद पुत्र वधू को लाभ पहुंचाने का भी आरोप लगाया था, लेकिन बाद में रिंकू राय ने अपने आरोप वापस ले लिए थे.
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