आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 18 के पार्षद रंजन सिंह एवं वार्ड के एक व्यवसायी की सूझबूझ से उत्तर प्रदेश के प्रतापगढ़ के नाबालिक को शुक्रवार को उसके परिजनों को सौंप दिया गया. इसमें आदित्यपुर थाना पुलिस की भी अहम भूमिका रही. दरअसल पांच साल पूर्व 9 साल की उम्र में पिता की फटकार के बाद युवक घर से भागकर बिहार के हाजीपुर पहुंच गया और वहां एक होटल में एक महीना काम करने के बाद जमशेदपुर के बिष्टुपुर गुरुद्वारा बस्ती 34/A निवासी गौतम और ऋचा कुमारी के संपर्क में आ गया. युवक को दोनों अपने साथ जमशेदपुर लेकर आ गए और यहां युवक को आदित्यपुर के वर्षा लॉज उसके बाद महामाया होटल में काम पर लगवाया. इसके एवज में गौतम दम्पत्ति लॉज और होटल संचालक से महीने के तीन से साढ़े तीन हजार रुपए हर महीने वसूले. पिछले तीन महीने से नाबालिग को आदित्यपुर वार्ड 17 स्थित प्रभात पार्क के पास रामू हरपाल नामक होटल कारोबारी के यहां काम पर रखवाया था. जब रामू से गौतम दम्पत्ति ने पैसों की डिमांड की तब उन्होंने नाबालिग के विषय में जानकारी जुटाई और गूगल से युवक के गांव का पता निकाला वहां की पुलिस से संपर्क कर युवक के बड़े भाई को जमशेदपुर बुलाया, फिर पार्षद रंजन सिंह को पूरे मामले से अवगत कराया. रंजन सिंह ने आदित्यपुर थाना प्रभारी आलोक दुबे को जानकारी देते हुए युवक, उसके भाई और रामू हरपाल को साथ ले थाने पहुंचे. जहां मामले की गंभीरता को देखते हुए तत्काल थाना प्रभारी ने गौतम दम्पत्ति को थाना तलब किया. दोनों के थाना पहुंचने पर गौतम दम्पत्ति ने बताया कि अगर पांच साल पहले युवक को शरण न दिया होता तो आज वह कहीं और भटक गया होता. हालांकि पैसे वसूलने के मामले में अपनी गलती स्वीकार करते हुए युवक को कुछ पैसे देते हुए परिजनों से माफी मांग आपसी सहमति युवक को परिजनों को सौंप दिया. सभी की रजामंदी के बाद परिजन युवक को अपने साथ उत्तर प्रदेश ले गए.
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