आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में रामनवमी के अखाड़ों से ज्यादा दिलचस्पी लोग वार्ड 17 के अखाड़े में दिखा रहे हैं. जो इन दिनों राजनीति के अखाड़े में तब्दील है. जयप्रकाश उद्यान सड़क को लेकर जहां श्रेय लेने वालों की होड़ मची हुई है, वही हालिया विवाद राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित शिक्षिका संध्या प्रधान के सेवानिवृत्ति के उपरांत नागरिक अभिनंदन को लेकर सामने आया है.
बता दें कि शुक्रवार यानी 31 मार्च को राष्ट्रीय शिक्षक पुरस्कार विजेता श्रीमती संध्या प्रधान सेवानिवृत्त हो रही है. इसको लेकर वार्ड 17 स्थित श्री श्री शिव काली मंदिर परिसर में आदित्यपुर विकास समिति, श्री श्री शिव काली मंदिर कमेटी, प्रभात नगर कमेटी एवं वरिष्ठ नागरिक संघ ने आगामी 1 अप्रैल को श्रीमती प्रधान का नागरिक अभिनंदन करने का निर्णय लिया है. जिसकी तैयारियां भी लगभग पूरी कर ली गई है.
मगर उक्त कार्यक्रम में नगर निगम के मेयर, उप महापौर एवं स्थानीय पार्षद को आमंत्रित नहीं किया गया है. जिसको लेकर वार्ड 17 के लोगों में आक्रोश देखा जा रहा है. वहीं मंदिर कमेटी का विवाद भी खुलकर सामने आ गया है. सूत्रों की अगर मानें तो मंदिर कमेटी के एक पदाधिकारी ने अध्यक्ष के फैसले पर आपत्ति जताई है. बता दे कि काली मंदिर कमेटी के अध्यक्ष वीरेंद्र कुमार सिंह यादव हैं. उनके द्वारा कार्यक्रम की सफलता को लेकर आमंत्रण पत्र छपवाया गया है, जिसमें बतौर मुख्य अतिथि उपायुक्त अरवा राजकमल, विशिष्ट अतिथि आदित्यपुर नगर निगम के अपर नगर आयुक्त गिरजा शंकर प्रसाद, एडीसी सुबोध कुमार एवं सम्मानित अतिथि के रुप में आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष पुरेंद्र नारायण सिंह को आमंत्रित किया गया है. इसी को लेकर मंदिर कमेटी के पदाधिकारी ने आपत्ति जताई है. अंदर खाने की अगर मानें तो लोग यह कहते सुने जा रहे हैं कि पुरेंद्र नारायण सिंह को किस हैसियत से सम्मानित अतिथि के रूप में वार्ड 17 में आमंत्रित किया जा रहा है. वैसे सूत्र यह भी बताते हैं, कि शिक्षिका संध्या प्रधान को आदित्यपुर विकास समिति सेवानिवृत्ति के बाद नगर निगम चुनाव लड़ाने की योजना बना रही है. जिसमें वार्ड 17 के कई गणमान्य लोग दिलचस्पी दिखा रहे हैं. वैसे देखना यह दिलचस्प होगा कि शिक्षिका संध्या प्रधान का अगला कदम क्या होता है. हालांकि सूत्र यह भी बताते हैं कि शिक्षिका संध्या प्रधान राजनीति में कदम नहीं रखेगी. मगर चुने हुए जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा से स्थानीय लोगों में भी आक्रोश व्याप्त है. लोग इसे मंदिर कमेटी के विवाद से जोड़कर देख रहे हैं.
Reporter for Industrial Area Adityapur