आदित्यपुर: थाना रोड के फुटपाथी दुकानदार अब गुंडई पर उतर गए हैं. कुछ दबंग दुकानदार ऐसे हैं जिसे राजनीतिक दलों का संरक्षण प्राप्त है और वे किसी के साथ ही बदतमीजी और मार- पीट कर उतारू हो जाते हैं. नेताओं का संरक्षण मिलने से पुलिस भी मामले में खासा दिलचस्पी नहीं दिखती. ज्यादा प्रेशर पड़ता देख दोनों पक्षों पर एफआईआर दर्ज कर समझौता का माहौल तैयार कर देती है. नतीजतन पीड़ित को इंसाफ नहीं मिलता है.


ऐसा ही एक मामला पिछले तीन चार दिनों से सुर्खियों में है. दरअसल बीते रविवार को एक महिला बालिका पोद्दार और उसके परिवार के साथ मारपीट की घटना हुई थी. महिला एक सब्जी विक्रेता है. महिला का आरोप है कि को थाना रोड में सब्जी बेचने वाली महिला सुनीता, रतन और उसके बेटे ने उसे और उसके परिवार के साथ मारपीट की है और जान से मारने की धमकी दी है. इसकी लिखित शिकायत बालिका ने आदित्यपुर थाने में की है. बुधवार तक महिला इंसाफ के लिए थाने का चक्कर काटती रही मगर एफआईआर तक नहीं किया गया. गुरुवार को मीडिया में खबर प्रकाशित होने पर संभवतः एफआईआर दर्ज किया गया. हैरानी की बात ये है कि सुनीता बाजार के कुछ दुकानदारों को बालिका के खिलाफ उकसा कर थाना पहुंच गई और उल्टा बालिका पर ही दोषारोपण कर दिया. सूत्रों की माने तो इसके पीछे सफेदपोश का हाथ है. सुनीता अक्सर ग्राहकों और दुकादारों के साथ दबंगई करती है. किसी को भी झूठे आरोप में फंसा देती है और उसके बाद भयादोहन करती है. इसकी जानकारी पुलिस को भी है मगर पुलिस सुनीता के मामले में नरमी दिखाती है. यदि यही हाल रहा तो बाज़ार में कभी भी बड़ी घटना घट सकती है. सुनीता के रवैये से बाजार मास्टर भी परेशान रहता है. उसने भी कई बार उसका विरोध किया है मगर सुनीता अपनी दबंगई से उसे भी तरजीह नहीं देती और मनमानी करती है. अंदरखाने की मानें तो इसबार भी सुनीता राजनीतिक सरपरस्ती में मामले को रफा दफा करवाने में जुटी है. वैसे आदित्यपुर के कड़क थानेदार के आगे उसकी चलेगी या पीड़िता के साथ इंसाफ होगा यह देखना दिलचस्प होगा.
