आदित्यपुर: एक तरफ शहर में आजादी का अमृत महोत्सव और तिरंगा यात्रा को लेकर तैयारियां जोर- शोर से चल रही है, लोग आजादी के जश्न में डूबे हैं, वहीं दूसरी तरफ शनिवार सरे शाम आदित्यपुर थाना क्षेत्र के पीएचडी कॉलोनी से सटे 14 नम्बर गली में अपराधियों ने सूरज तंतुबाइ नामक युवक की गोली मारकर हत्या कर दी.
घटना के बाद इलाके में सनसनी फैल गई है. बताया जाता है, कि 2 की संख्या में बाइक सवार अपराधियों ने सूरज की गोली मारकर हत्या की है. पुलिस मामले की छानबीन में जुटी हुई है. उधर मामले की सूचना मिलते ही एसपी आनंद प्रकाश आदित्यपुर थाना पहुंचे और घटना की जानकारी ली.
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उधर घटना के बाद थाना प्रभारी राजन कुमार ताबड़तोड़ छापेमारी में जुट गए हैं सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार आधा दर्जन संदिग्ध युवकों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. वहीं मामले के उद्भेदन को लेकर गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार आरआईटी थाना प्रभारी मोहम्मद तंजील खान ने भी मोर्चा संभाल लिया है. एसपी आनंद प्रकाश ने दावा किया है कि 24 घंटे के भीतर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा. हालांकि इस घटना के पीछे कोई बड़ा आपराधिक गिरोह का हाथ नहीं है.
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आनंद प्रकाश (एसपी- सरायकेला)
आखिर सूरज की हत्या क्यों हुई ?
दरअसल करीब 5 माह पूर्व आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 20 अंतर्गत गुमटी बस्ती के टिंकू दास के घर पर पार्षद वीरेंद्र गुप्ता के भतीजे गोलू गुप्ता, छोटू गुप्ता, इमरान सहित 8- 10 संदिग्ध लोगों ने हमला कर भारी तोड़फोड़ की थी, और वाहनों को क्षतिग्रस्त भी किया था. जिस पर कार्यवाई करते हुए पुलिस ने गोलू गुप्ता, छोटू गुप्ता और इमरान को न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. इनमें से इमरान जमानत पर छूटकर अभी बाहर घूम रहा है. विवाद का जड़ सूरज तंतुबाई ही था. बता दें कि सूरज के साथ टिंकू दास के बेटों राहुल दास और साहिल दास ने मारपीट की थी. जिसमें सूरज का सर फट गया था. उसी का बदला लेने की नियत से गोलू गुप्ता, छोटू गुप्ता, इमरान व अन्य ने टिंकू दास के घर पर हमला किया था. जहां पुलिस ने टिंकू दास की शिकायत पर सभी को न्यायिक हिरासत में भेज दिया था. वही सूरज तंतुबाई ने भी एफआईआर दर्ज कराया था, जिसमें साहिल दास, विकास दास व अन्य को आरोपी बनाया था. इधर राहुल दास और साहिल दास द्वारा सूरज पर केस उठाने का दबाव बनाया जा रहा था. इसी को लेकर दोनों के बीच विवाद चल रहा था. सूत्र बताते हैं, कि शनिवार को अलकतरा ड्रम बस्ती में सूरज अपने अन्य दोस्तों के साथ शराब पीने गया था. वहां साहिल और राहुल भी मौजूद था. वहां भी इसी बात को लेकर नोकझोंक हुई, उसके थोड़ी ही देर बाद 14 नंबर गली में सूरज की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मिली जानकारी के अनुसार पुलिस लगभग हत्याकांड के खुलासे तक पहुंच चुकी है.
काश चिराग तले अंधेरा को देख पाती आदित्यपुर पुलिस !
आदित्यपुर थाना से सटे अलकतरा ड्रम बस्ती और पीएचडी कॉलोनी इन दिनों असामाजिक तत्वों का अड्डा बना हुआ है. बता दें कि पीएचडी कॉलोनी में दर्जनों लोग अवैध रूप से सरकारी क्वार्टरों को कब्जा कर रह रहे हैं, जिनका कोई पता ठिकाना नहीं है. कुछ कर्मचारी सेवानिवृत्त होने के बाद भी कॉलोनी की घरों पर कब्जा जमाए बैठे हैं. जहां असामाजिक तत्वों का जमावड़ा लगा रहता है. कुछ लोग कॉलोनी के सरकारी भूखंड पर अवैध रूप से मकान बनाकर भी रह रहे हैं. इस संबंध में ना तो विभागीय पदाधिकारी न हीं कॉलोनी वासी कभी विरोध करते हैं. कुछ कर्मचारी अपने क्वार्टर को किराए पर दे रखे हैं. जिसकी सुध लेने वाला कोई नहीं है. थाना से सटा होने के कारण इस कॉलोनी पर किसी की निगाह नहीं जाती है, मगर इस कॉलोनी में ब्राउन शुगर, गांजा का बड़े पैमाने पर कारोबार होता है. इसी तरह अलकतरा ड्रम बस्ती में भी ब्राउन शुगर शराब गांजा का अवैध कारोबार होता है. पुलिस की नाक के नीचे इन बस्तियों में अवैध नशे के कारोबारी खुलेआम धंधा करते हैं, ऐसी बात नहीं है कि इसकी जानकारी पुलिस को नहीं है. मगर पुलिस विभाग के कुछ ऐसे कर्मी और अधिकारी हैं जिन्हें सब कुछ पता होने के बाद भी कभी इस दिशा में कोई ठोस कार्रवाई नहीं करते हैं. जिसका खामियाजा आज सूरज को जान गंवाकर चुकानी पड़ी. हालांकि इस पूरे विवाद की जड़ ब्राउन शुगर, जुआ गांजा और शराब खरीद बिक्री और सेवन बताया जाता है. पिछले दिनों के घटनाक्रम पर यदि पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों पक्षों के लोगों को सलाखों के पीछे भेजा होता तो आज यह घटना नहीं होती. फिलहाल पुलिस मामले की तफ्तीश में जुटी हुई है. मगर यदि वाकई में पुलिस नए अपराधिक गिरोह को पनपने से रोकना चाहती है तो पीएचइडी कॉलोनी और अलकतरा ड्रम बस्ती पर व्यापक निगाह रखना होगा, क्योंकि चिराग तले अंधेरा किसी को दिखाई नहीं देता.
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