आदित्यपुर: सरायकेला- खारसावां जिले में महिला समूह बनाकर माइक्रो फाइनेंस कंपनियों द्वारा साप्ताहिक लोन बांटने और उसके वसूली के तरीकों ने धीरे- धीरे महिलाओं को मौत के मुंह में भेजना शुरू कर दिया है. हाल के दिनों में लगातार दो मामले सामने आए हैं.
आपको बता दें कि पहला मामला बीते 27 जनवरी को सामने आया था. जहां गम्हरिया थाना क्षेत्र के जगन्नाथपुर में ऑटो चालक की 34 वर्षीय पत्नी ममता देवी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी. महिला के पति ने बताया था कि उसकी पत्नी ने हिंदूजा फाइनेंस कंपनी से लोन लिया था. कलेक्शन एजेंट की प्रताड़ना से उसकी पत्नी ने आत्महत्या कर ली थी. दूसरा मामला शनिवार को प्रकाश में आया है. जहां आरआईटी थाना अंतर्गत कुलुपटंगा की रहनेवाली 46 वर्षीय आदिवासी महिला सुनीता सुंडी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली है. महिला के भाई गोविंद हेम्ब्रम ने आरआईटी थाने में शिकायत दर्ज कराया है, जिसमें उसने बताया है कि उसकी बहन ने महिला समूह के जरिये किसी फाइनेंस कंपनी से कर्ज लिया था जिस वजह से वह काफी तनाव में थी. और शनिवार की रात फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली. फिलहाल पुलिस ने महिला के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है, वही आगे की कार्रवाई में जुट गई है.
बंद हो माइक्रो फाइनेंस कंपनियों का प्रताड़ना, प्रशासन करे कार्रवाई: बाबू तांती
इस घटना को लेकर टीएमसी नेता और आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व मेयर प्रत्याशी विशेष कुमार तांती उर्फ बाबू तांती ने कड़ी आपत्ति जताते हुए माइक्रो फाइनेंस कंपनियों पर रोक लगाने और प्रशासन से ऐसी कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने की मांग की है. उन्होंने बताया कि पहले इन कंपनियों द्वारा महिला समूहों के जरिए महिलाओं के बीच लोन का वितरण किया जाता है उसके बाद साप्ताहिक वसूली के नाम पर महिलाओं को प्रताड़ित किया जाता है. ऐसे कई मामले प्रकाश में आ रहे हैं. यदि समय रहते इसपर नकल नहीं कसा गया तो आने वाले दिनों में इसके घातक परिणाम सामने आएंगे.