आदित्यपुर: आरआईटी थाना अंतर्गत बाबाकुटी निवासी ललन सिंह चंद्रवंशी को दूसरी शादी महंगी पड़ गयी है. जहां 18 साल बाद ललन की दूसरी पत्नी सोनी देवी ने अपने पति के खिलाफ प्रताड़ना और दहेज उत्पीड़न की शिकायत दर्ज कराई है. इतना ही नहीं सोनी देवी ने अपने सौतेले बेटे के खिलाफ भी मुकदमा दर्ज कराया है. फिलहाल मामला कोर्ट में विचाराधीन है.
इधर महिला सोनी देवी ने अपने भाइयों, भाभी व कथित महिला समिति की अंजू सिन्हा के सहयोग से ललन सिंह एवं अपने सौतेले बेटे के घर में प्रवेश करने से रोक लगा दिया. मामला फिर थाने पहुंचा. जहां सोमवार को पुलिस अपनी मौजूदगी में ललन सिंह एवं उनके पुत्र को घर में घुसने देने एवं शांति बहाल कराने पहुंची, मगर उक्त के द्वारा सोनी देवी के सुरक्षा का हवाला देते हुए ललन सिंह एवं उनके पहले पुत्र को घर में घुसने नहीं दिया गया.
सोनी देवी, उनके दोनों भाई एवं भाभी पुलिस के समक्ष अड़ गए. अंततः पुलिस ने सभी को थाने पर वार्ता के लिए बुलाया. थाने में भी करीब तीन घंटे तक हाई वोल्टेज ड्रामा चला. वार्ता के दौरान विष्णुदेव गिरी, लिली दास, रीता देवी, अंजू सिन्हा आदि की मौजूदगी में दोनों पक्ष अपनी बातों पर अड़े रहे. अंत में दोनों पक्ष कोर्ट का निर्णय आने तक घर से बाहर रहने पर सहमत हुए.
क्या कहा सोनी देवी ने
मामले में ललन सिंह की दूसरी पत्नी सोनी देवी ने बताया कि शादी के बाद से ही ललन सिंह उन्हें प्रताड़ित करते हैं. मारपीट कर अधमरा कर देते हैं. उन्हें बदचलन कहकर संबोधित करते हैं. इसलिए मुझे इंसाफ के लिए पुलिस का और कानून का सहारा लेना पड़ा.
क्या कहना है ललन सिंह का
पूरे मामले पर ललन सिंह ने बताया कि 18 साल पूर्व पहली पत्नी के दुधमुंहे बच्चे को छोड़कर चले जाने के बाद उसकी देखभाल के लिए सोनी देवी से शादी की. जो भी कमाया सबकुछ सोनी देवी के नाम करता गया. बाबाकुटी से लेकर गम्हरिया तक की संपत्ति उनके नाम करता गया. पति- पत्नी के बीच नोंकझोंक को तूल उनके ससुरवालों ने इसलिए दिलाया ताकि उनके जायदाद से उनके पहले बेटे को बेदखल कर सारी संपत्ति अपनी दूसरी पत्नी यानी सोनी देवी एवं उनसे जन्मे दोनों बेटों को दिलाया जाए. अब जब भी अपने पहले बेटे को आधे हिस्से का हक देने की बात करता हूं तो सोनी देवी विवाद पैदा करती है. इसी को लेकर अक्सर विवाद होता है. उन्होंने बताया कि केस दर्ज होने के बाद से मुझे एवं मेरे पहले पुत्र को घर में घुसने नहीं दिया जा रहा है. उन्होंने बताया कि न्यायालय का फैसला आने तक उन्हें एवं उनके पहले पुत्र को घर में रहने देने की गुजारिश की जिसपर सोनी देवी एवं उनके भाईयों ने महिला समिति व अन्य बाहरी लोगों को बुलाकर घर में घुसने से रोक दिया. उन्होंने बताया कि कोर्ट का निर्णय आने तक सोनी देवी के कब्जे से भी मकान को मुक्त कराया जाए.
क्या कहा थानेदार ने
इस पूरे मामले पर थाना प्रभारी सागर लाल ने बताया कि मामला कोर्ट में लंबित है. दोनों पति- पत्नी को मकान में एकसाथ रहने से नहीं रोका जा सकता है. पारिवारिक मामले में किसी बाहरी व्यक्ति को हस्तक्षेप करना उचित नहीं है. यदि वे ऐसा करते हैं तो उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी. हालांकि अभी दोनों पक्षों के सहमति से शांति बहाली होने तक धारा 144 लगाने की अनुशंसा की जा रही है.