आदित्यपुर: नगर निगम के वार्ड 17 में रविवार को पूर्व वार्ड पार्षद श्रीमती नीतू शर्मा की अध्यक्षता में एक बैठक संपन्न हुई. इसका संचालन जितेंद्र कुमार द्वारा किया गया. बैठक में कई जनमुद्दों पर विशेष चर्चा हुई जिसमें सड़क, नाली, पानी बिजली एवं साफ- सफाई से जुड़े मुद्दों को जनता ने प्रमुखता से उठाया. सभी सवालों का जवाब एवं समस्याओं का समाधान कैसे हो इस पर पूर्व पार्षद ने चर्चा किया.
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पानी का मुद्दा छाया रहा
वार्ड 17 में हर साल गर्मी आने से पहले से ही पानी की घोर किल्लत शुरू हो जाती है. बैठक के दौरान लोगों ने कहा पिछले 6- 7 वर्षों से आदित्यपुर शहरी जलापूर्ति योजना निगम प्रशासन धरातल पर उतारने में विफल रही है. सेवा के नाम पर टैक्स में बेतहाशा वृद्धि कर दी गयी है. मगर परियोजना कब पूरा हो इसका जवाब न निगम के पास है न सरकार के पास. सरकार पिछले दो साल से निकाय चुनाव कराने में विफल रही है इसके लिए हाईकोर्ट को संज्ञान लेना पड़ा है. जनप्रतिनिधियों के नहीं होने से निगम के अधिकारी और कर्मी बेलगाम हो चुके हैं उन्हें जनता की पीड़ा से कोई सरोकार नहीं है. छोटी- छोटी समस्याओं के लिए नगर निगम कार्यालय के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. टैंकर से जलापूर्ति होती है मगर ज्यादातर रसूखदारों को इसका लाभ मिलता है.
निवर्तमान पार्षद के कार्यकाल को सराहा
बैठक में लोगों ने निवर्तमान पार्षद नीतू शर्मा के कार्यकाल की सराहना करते हुए कहा कि जब से पूर्व वार्ड पार्षद का कार्यकाल समाप्त हुआ है तब से जनता अपने धिकार के लिए दर- दर भटक रही है. उनकी शुध लेने वाला कोई नहीं है. उनके पवार में रहते कई समस्याओं का सामाधन एक फोन पर हो जाता था. आलम ये है कि उनकी सुध न विधायक लेते हैं न सांसद. पूर्व के बोर्ड बैठकों में पारित योजनाओं पर सांसद वाहवाही लूटने आ जाती है न क्षेत्र की जनता को सूचना होती है न निवर्तमान पार्षद को ही बुलाया जाता है. सांसद- विधायक को बताना चाहिए कि वार्ड से कब पानी की समस्या का सामाधान होगा. उन्हें भी हमने वोट देकर लोकसभा और विधानसभा भेजा है, मगर चुनाव जीतने के बाद उन्हें भगवान भरोसे छोड़ दिया गया है. जो मदद पार्षद द्वारा मिलता था कार्यकाल समाप्त होने के बाद उन्हें भी अधिकारों से वंचित कर दिया गया है. स्ट्रीट लाइट तो हैं मगर मेंटेनेंस के अभाव में सारे बेकार पड़े हैं. बरसात के मौसम में न ब्लीचिंग का छिड़काव किया जाता है न एंटी लार्वा का. मच्छर भगाने के लिए करोड़ों की मशीनें निगम कार्यालय का शोभा बढ़ा रहे हैं शायद ही दो साल से उसका उपयोग किया गया हो. ऐसे कई मुद्दों पर जनता ने अपनी नाराजगी जताई जिसपर पूर्व पार्षद ने समय की प्रतीक्षा करने एवं सिलसिलेवार तरीके से नगर निगम का ध्यान आकृष्ट कराने की बात कही. उन्होंने कहा इसपर नगर निगम से बात करनी होगी जरूरत पड़ने पर उपायुक्त का दरवाजा खटखटाया जाएगा. वहां से भी यदि सामाधन नहीं मिलता है तो आंदोलन का रुख अपनाया जाएगा. इसपर उपस्थित लोगों ने सहमति जताई. अंत में धन्यवाद ज्ञापन अमृता कुमारी ने किया.
ये रहे मौजूद
बैठक में मुख्य रूप से ज्योति अम्बष्ट, निशा कुमारी, रानी देवी, कुमारी नूतन, कुमारी रिंकू, कुमारी मंजू सिंह, आशा चौधरी, डेजी कुमारी, आशा देवी, फूलदाई झा, प्रतिमा देवी, डॉ ज्योति, डॉ संजीव कुमार राय, अरुण कुमार सिंह, आरके सिंह, शंकर शर्मा, अमित सिंह, गोपाल प्रसाद, गोपाल चंद्र राय, वीरेंद्र कुमार राय, वासुदेव प्रसाद साहू, एआर कुमार, राजेश कुमार, जितेंद्र रजक, एसके राय, राजेश साहू, कैलाश पाठक, संजय चौबे, सुनील सिंह, राम लगन चौधरी, पी राजा, राजमती प्रसाद, केडी दुबे, एआरके लाल कर्ण, जेपी सिंह, रोशन कुमार, राखी शर्मा, सोनम कुमारी, छवि प्रकाश, गुड्डू कुमार, अमित कुमार सिंह, रामबचन सिंह, कनकलाता, गोपाल नारायण सिंह, रामचंद्र चौरसिया आदि उपस्थित थे.
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