आदित्यपुर: सरायकेला जिले के आदित्यपुर क्षेत्र में कुकुरमुत्ते की तरह संचालित निजी नर्सिंग होम में सरकारी मानकों का खुल्लम खुल्ला उल्लंघन चल रहा है. कोई भी नर्सिंग होम क्लिनिकल स्टेब्लिस्टमेंट के मानकों को पूरा नहीं करते हैं, बावजूद इसके खुलेआम निजी नर्सिंग होम संचालित हो हो रहे हैं.
इनका उद्देश्य शहरी क्षेत्र के मरीजों की सेवा नहीं बल्कि ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों का दोहन करना होता है. इनके एजेंट ग्रामीण क्षेत्रों में फैले होते हैं और मोटी कमीशन के लिए हर तरह के मरीजों को अपने पसंदीदा नर्सिंग होम में भिजवाते हैं. जहां महंगे जांच और बीमारी का भय दिखाकर मरीज के परिजनों से मोटी उगाही की जाती है. कुछ नर्सिंग होम में आयुष्मान कार्ड के नाम पर मरीजों को देखकर सेवा उपलब्ध कराई जा रही है. इसमें शिवा नर्सिंग होम का नाम सबसे आगे है. यहां डॉक्टर तय करते हैं किस मरीज को आयुष्मान के तहत भर्ती लेना है किसे नहीं. जबकि बाहर बोर्ड पर आपको लिखा मिल जाएगा कि यहां आयुष्मान के तहत ईलाज होता है. आखिर आयुष्मान के नाम पर क्या खेल चल रहा है, इसे देखने वाला कोई नहीं है. ना तो कभी इन नर्सिंग होम के खिलाफ जांच होती है, ना ही किसी तरह की कोई कार्रवाई होती है. भोले भाले ग्रामीण क्षेत्र के मरीजों के परिजन नर्सिंग होम के चक्कर में पड़कर अपनी गाढ़ी कमाई लुटा रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि यदि कोई मरीज परेशान हैं और सिविल सर्जन से शिकायत शिकायत करते हैं बावजूद इसके किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं होती. हालांकि उपयुक्त रविशंकर शुक्ला ने इसको लेकर सिविल सर्जन को तलब किया है. उम्मीद है कि जल्द ही इसके व्यापक परिणाम देखने को मिल सकते हैं.