आदित्यपुर: बीते रविवार को आदित्यपुर की सामाजिक संस्था उद्गम की ओर से आयोजित रक्तदान शिविर पर भाजपा छोड़ चुके बागी गंगा शर्मा ने तीन दिनों बाद बयानबाजी कर नगर निगम चुनाव से पूर्व निगम की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दिया है. दरअसल उक्त रक्तदान शिविर ईचागढ़ के पूर्व विधायक दिवंगत साधु चरण महतो, भाजपा महिला मोर्चा की पूर्व जिलाध्यक्ष सह वार्ड 29 की दिवंगत पार्षद राजमणि देवी वार्ड 10 के दिवंगत पार्षद महेंद्र सरदार को समर्पित था.
रविवार को उद्गम द्वारा आयोजित रक्तदान शिविर
जिसमें लोगों ने बढ़चढ़ कर हिस्सा लिया और 571 यूनिट रक्त संग्रह किया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में राज्य के स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता जमशेदपुर सांसद विद्युत वरण महतो भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष सिंहभूम सांसद दिवंगत लक्ष्मण गिलुवा की पत्नी मालती गिलुवा सहित कई गणमान्य लोगों ने शिरकत की थी. इस दौरान शिविर स्थल पर तीनों दिवंगत नेताओं के साथ स्वर कोकिला भारत रत्न स्वर्गीय लता मंगेशकर की तस्वीर भी लगाए गए थे, जिन्हें अतिथियों द्वारा श्रद्धांजलि अर्पित किया गया. कार्यक्रम में बतौर अतिथि भाजपा छोड़ चुके बागी गंगा प्रसाद शर्मा भी पहुंचे थे. उन्होंने भी शिविर की सराहना की थी. उनका भी अन्य अतिथियों की तरह संस्था की ओर से मान सम्मान किया गया था, मगर शिविर के 3 दिन बाद उन्होंने अपने विवादित बयानों से नगर निगम की राजनीति में गर्माहट पैदा कर दिया है. श्री शर्मा ने शिविर में भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिवंगत लक्ष्मण गिलुआ की तस्वीर नहीं लगाए जाने को लेकर बयान देते हुए कहा संस्था ने स्वर्गीय गिलुआ की तस्वीर नहीं लगाकर पार्टी और स्वर्गीय गिलुआ का अपमान किया है, जिससे पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना आहत हुई है. हालांकि नगर निगम चुनाव से पूर्व उनका पार्टी के प्रति मोह जागृत होना और पार्टी के नेताओं और कार्यकर्ताओं की भावना का आभास होना राजनीतिक पंडितों के गले नहीं उतर रहा है. जिस पार्टी के कार्यकर्ताओं की भावना आहत होने की बात श्री शर्मा कर रहे हैं उसी पार्टी के कार्यकर्ता यह कहते सुने गए कि जब गिलुआ जी जीवित थे और पार्टी की कमान उनके हाथों में थी, नगर निगम के चुनाव में टिकट कटने के बाद गंगा शर्मा ने बगावत कर पार्टी को अपना इस्तीफा देते हुए निर्दलीय चुनाव लड़ा था और बुरी तरह पराजित हुए थे यहां तक कि जमानत भी नहीं बचा पाए थे. आज किस मुंह से गिलुआ जी के प्रति सम्मान का भाव प्रदर्शित कर रहे हैं समझ से परे है.
गंगा शर्मा (भाजपा के बागी)
भाजपा नेताओं ने यह भी सवाल उठाया कि जब गिलुआ जी की मौत हुई थी तब भी उनकी याद में गंगा शर्मा दो बूंद आंसू बहाकर प्रायश्चित कर लेते तो आज इस तरह के बयान देने का उनका अधिकार जायज होता, मगर आंसू तो दूर की बात है गंगा शर्मा दिवंगत लक्ष्मण गिलुआ के परिजनों का आंसू पोछने की भी हिम्मत नहीं जुटा सके. भाजपा नेताओं ने श्री शर्मा के बयान को हताशा में दिया गया बयान बताया और कहा उनके बयानों से पार्टी के सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़नेवाला, जब पार्टी को उनकी आवश्यकता थी तब उन्होंने उसी गिलुआ जी के खिलाफ बगावत किया था और पार्टी के कायदों को दरकिनार कर चुनाव लड़ा था उस वक्त गिलुआ जी ने खुद को काफी अपमानित महसूस किया था और उन्हें काफी समझाने का भी प्रयास किया था.
स्वर्गीय लक्ष्मण गिलुआ
इधर उद्गम संस्था की संरक्षक सोनिया सिंह ने श्री शर्मा के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए शालीनता से कहा जब गिलुआ जी की मौत हुई थी तब कोरोना का दूसरा लहर चरम पर था बावजूद इसके उद्गम ने स्वर्गीय गिलुआ की याद में जमशेदपुर ब्लड बैंक में श्रद्धांजलि सभा सह रक्तदान शिविर आयोजित किया था, जिसमें पूरे कोल्हान के भाजपा नेताओं के साथ स्वर्गीय गिलुआ के चाहनेवालों ने रक्तदान किया था, जिसमें संस्था ने जमशेदपुर ब्लड बैंक को 450 यूनिट रक्त उपलब्ध कराए थे. उन्होंने बताया कि कोरोना महामारी के कारण जमशेदपुर ब्लड बैंक में खून की घोर किल्लत हो रही थी और ब्लड बैंक ने रेड अलर्ट जारी किया था, जिसे संस्था गंभीरता से लेते हुए शिविर सह श्रद्धांजलि सभा आयोजित कर 450 यूनिट रक्त संग्रहित कर स्वर्गीय गिलुआ को समर्पित किया था.
स्वर्गीय गिलुआ की स्मृति में अयोजित रक्तदान शिविर
उन्होंने शालीनता पूर्वक कहा चाचा (गंगा शर्मा) उस शिविर में पहुंचकर श्रद्धांजलि देने यदि आते, या अपने समर्थकों से रक्तदान करवाते तो उनके इस बयान का सम्मान बढ़ जाता. मगर रविवार के शिविर में अतिथि के रूप में पहुंचकर सम्मान पाने के बाद इस तरह की बयानबाजी से संस्था का और रक्तदाताओं का मनोबल गिरेगा. उद्गम संस्था के लिए कोल्हान के सभी नेता और नागरिक व गणमान्य व्यक्ति महत्वपूर्ण हैं. संस्था सभी को सम्मान की निगाह से देखती है, यही कारण है कि संस्था समाजसेवा के क्षेत्र में नित नए कीर्तिमान स्थापित कर रही है और इसे सभी दलों और सामाजिक संगठनों का भरपूर समर्थन मिल रहा है. रही बात गिलुआ जी के सम्मान और अपमान की तो इसके लिए संस्था को उनसे प्रमाण की आवश्यकता नहीं है गिलुआ जी जितने प्रिय भाजपा के लिए थे उससे ज्यादा प्रिय उद्गम के लिए थे, क्योंकि वे संस्था के संस्थापक सदस्यों में से एक थे और आज भी उनकी पत्नी और परिवार का आशीर्वाद संस्था को मिल रहा है.
सोनिया सिंह (संरक्षक उद्गम)