ब्यूरो प्रमुख प्रमोद सिंह की रिपोर्ट
आदित्यपुर: बीते मंगलवार की देर रात सरायकेला जिले के आदित्यपुर थाना अंतर्गत सतबोहनी दुर्गा पूजा मैदान में हुए अपराधकर्मी आशीष गोराई, सहित दो अन्य युवकों के हत्याकांड मामले की तफ्तीश में पुलिस की जांच को बड़ा झटका लगा है. जहां ट्रिपल मर्डर के नामजद आरोपी दिनेश महतो ने नाटकीय ढंग से शुक्रवार को सरायकेला न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है. जहां से उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया है.
मामले के अन्य अभियुक्त कुख्यात अपराधकर्मी संतोष थापा, शेरू, छोटू राम सहित छः आरोपी अभी भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर चल रहे हैं.
हत्याकांड में मारे गए युवक राजीव गोराई उर्फ राजू गोराई के भाई किशन गोराई के लिखित आवेदन पर आदित्यपुर पुलिस ने धारा 302/ 201/ 34/ 120 B और आर्म्स एक्ट की धारा 27 के तहत मामला दर्ज किया है.
ऐसे हुई थी आशीष सहित तीन युवकों की हत्या
बता दें कि बीते मंगलवार रात्रि करीब दस बजे के आसपास सतबोहनी दुर्गा पूजा मैदान में आशीष गोराई अपने दोस्तों सुधीर चटर्जी, राजीव उर्फ राजू गोराई के साथ खाने- पीने में व्यस्त था. इसी दौरान बोलेरो सवार शेरू और छोटू राम अपने अन्य साथियों के साथ वहां आ धमका और आशीष गोराई को टारगेट कर ताबड़तोड़ गोलियां बरसानी शुरू कर दी. किसी को कुछ समझ में आता इससे पहले ही आशीष ढेर हो चुका था. वही साक्ष्य मिटाने के उद्देश्य से अपराधियों ने सुधीर चटर्जी और राजू गोराई को भी गोली मार दी. तीनों की घटनास्थल पर ही मौत हो गई. जिसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई थी.
संतोष थापा गिरोह का ही सदस्य था आशीष
अपराध की दुनिया में कोई सगा नहीं होता. इस कथन को संतोष थापा गिरोह के ही सदस्य शेरु और छोटू राम ने सत्य साबित कर दिया. आशीष गोराई कुख्यात अपराध कर्मी संतोष थापा का बेहद करीबी माना जाता था. कांग्रेसी नेता शान बाबू हत्याकांड में संतोष थापा के साथ आशीष गोराई भी जेल गया था. जेल से बाहर निकलने के बाद संतोष थापा के गिरोह को आगे बढ़ाने और अपराध की दुनिया में संतोष का वर्चस्व कायम करने में आशीष उसके साथ कंधे से कंधा मिलाकर चल रहा था. संतोष थापा मूल रूप से सरकारी जमीन की खरीद- बिक्री, बालू और स्क्रैप के धंधे को संचालित करता है, जिसमें आशीष, शेरू, छोटू राम दिनेश महतो वगैरह सहयोगी की भूमिका में शामिल रहता था.
क्यों हुई आशीष की हत्या !
जैसा कि आशीष गोराई की मां ने बताया कि हत्या से 3 दिन पूर्व आशीष की शेरू, छोटू राम वगैरह के साथ मारपीट हुई थी. जिसमें आशीष बुरी तरह घायल हुआ था. हत्या से 2 दिन पूर्व वह घर भी नहीं आया था. हत्या के दिन वह सुबह घर आया था, और फिर कहीं निकल गया था. शाम को फोन पर बात हुई थी. उसके बाद उसके हत्या की सूचना मिली. सूत्रों की अगर मानें तो आशीष की नजर संतोष थापा के किसी महिला रिश्तेदार पर थी, जो संतोष को नागवार लग रहा था. इसी बात को लेकर तीन दिन पूर्व संतोष के इशारे शेरू और छोटू राम व अन्य ने मिलकर आशीष की पिटाई की थी, उसके बाद मंगलवार की रात उसे सदा के लिए रास्ते से हटा दिया. उधर घटना के बाद से ही संतोष थापा का मोबाइल स्विच ऑफ मिल रहा है, जिससे पुलिसिया तफ्तीश को और अधिक बल मिला है. पुलिस यह मान कर चल रही है, कि हत्याकांड में कहीं ना कहीं संतोष थापा की संलिप्तता जरूर है.
फरवरी से अबतक हो चुकी है 9 हत्याएं
22 फरवरी: बड़ा गम्हरिया में स्क्रैप कारोबारी संजय कुमार उर्फ चम्टू की हत्या.
24 मार्च: ट्रीचर ट्रेनिंग मोड़ स्थित औद्योगिक क्षेत्र में ट्रांसपोर्टर सह स्क्रैप कारोबारी देवव्रत गोस्वामी उर्फ देबू दास की गोली मारकर हत्या.
27 अप्रैल: बंतानगर में संजय कुमार महतो की गोली मारकर
2 मई: सतबहनी में बिल्डिंग मेटरियल सप्लयार कार्तिक गोप की हत्या
24 मई: मुस्लिम बस्ती के निकट जमालपुर के राजकुमार कालिंदी की गोली मारकर हत्या.
29 मई: ईच्छापुर में रंजन गोप की मारपीट कर व गला दबाकर हत्या.
7 जून: सतबहनी दुर्गा पूजा मैदान में आशीष गोराई, सुधीर चटर्जी और राजीव उर्फ राजू गोराई की हत्या
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