सरायकेला: आदित्यपुर थाना पुलिस ने मंगलवार की रात थाना क्षेत्र के टीचर्स ट्रेनिंग मोड़ के समीप स्थित एमटीसी मॉल के पीछे हुए बमकांड मामले में खुलासा कर दिया है. पुलिस ने कांड में शामिल दो अपराधियों को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. गिरफ्त में आए अपराधकर्मियों में कुख्यात मोती विशोई और मंतोष महतो शामिल हैं.
इस संबंध में शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस कर जानकारी देते हुए एसडीपीओ संतोष मिश्रा ने बताया कि कांड को लेकर उनके नेतृत्व में गठित एसआईटी में शामिल पुलिस अधिकारियों ने 36 घंटे के भीतर कांड का उद्भेदन करते हुए दोनों अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया है. कांड में शामिल अन्य अभियुक्तों की तलाश में छापेमारी चल रही है.
कैसे हुआ खुलासा
एसडीपीओ ने बताया कि आसपास लगे सीसीटीवी कैमरों के फुटेज और तकनीकी पड़ताल में उक्त अपराधकर्मियों की संलिप्तता पाई गई. दोनों ने पूछताछ के क्रम में अपनी संलिप्तता स्वीकार किया है.
क्या- क्या हुआ बरामद
पुलिस ने तीन मोबाइल, घटनास्थल पर लगे सीसीटीवी कैमरों के डीवीआर और घटना को अंजाम देते समय अभियुक्तों द्वारा पहने हुए कपड़े बरामद किए हैं. गिरत में आए दोनों हिस्ट्रीशीटर अपराधी है. इनके खिलाफ आदित्यपुर थाने में कई मामले दर्ज हैं और पूर्व में भी दोनों जेल जा चुके हैं.
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क्यों और किसके इशारे पर किया गया हमला
एसडीपीओ ने बताया कि फिलहाल मामला अनुसंधान के क्रम में है इसलिए सरगना का नाम बताया नहीं जा सकता है. फिलहाल सीसीटीवी कैमरों के फुटेज के आधार पर कांड में शामिल अपराधियों की संलिप्तता मिली है उन्हें गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कई राज खोले हैं. जिसपर अनुसंधान किया जा रहा है.
सूत्रों की माने तो कुख्यात अपराधी कार्तिक मुंडा के इशारे पर इस घटना को अंजाम दिया गया है. इसमें फंटूश नामक युवक फरार है पुलिस उसकी तलाश कर रही है. सूत्रों की माने तो गिरफ्त में आए मंतोष महतो को कार्तिक मुंडा ने 50 हजार रुपए और भट्ठा में एक कट्ठा जमीन देने का प्रलोभन दिया था. बम उसी ने चलाई थी. अंदारखाने की माने तो अपराधियों को अजय प्रताप और बाबू दास पर बम फेंकने की सुपारी कार्तिक मुंडा ने दी थी. कार्तिक ने व्हाट्सएप कॉलिंग के जरिए उन्हें सुपारी दी थी. अजय प्रताप और बाबू दास के बाद उनके निशाने पर विक्की नंदी था. हाल के दिनों में विक्की अजय और बाबू दास मिलकर कारोबार कर रहे हैं. विक्की नंदी को रास्ते से हटाने के लिए संतोष थापा और कार्तिक मुंडा ने हाथ मिलाया है. वैसे मीडिया के इन सवालों पर खुलकर एसडीपीओ बताने से बचते रहे.
कहां है कार्तिक मुंडा !
कार्तिक मुंडा के सवाल पर एसडीपीओ ने बताया कि एक टीम बनाकर उसकी तलाश की जाएगी. बता दे कि पिछले 12 सालों से सरायकेला पुलिस के लिए अपराधकर्मी कार्तिक मुंडा यक्ष प्रश्न बना हुआ है. लगभग सभी मामलों में उसकी संलिप्त पाई जाती है, मगर कार्तिक मुंडा पुलिस की पकड़ से आज तक दूर है. आलम यह है कि जिला पुलिस मुख्यालय के पास कार्तिक मुंडा की एक तस्वीर तक नहीं है. यदि कार्तिक मुंडा पुलिस के पास से गुजर भी जाए तो पुलिस उसे पहचान नहीं सकेगी.
एसआईटी में ये थे शामिल
कांड के उद्भेदन को लेकर गठित एसआईटी में एसडीपीओ संतोष मिश्रा के अलावे आदित्यपुर थाना प्रभारी नितिन कुमार सिंह, कांड्रा थाना प्रभारी विनोद कुमार, एएसआई संतन कुमार तिवारी, विपुल कुमार ओझा, रंजीत कुमार सिंह, दिलशन बिरुआ, सतीश वर्णवाल, आरक्षी संदीप दुबे, जिला तकनीकी बल के साथ सशस्त्र बल शामिल थे.
क्या था मामला
बता दें कि बीते मंगलवार की देर रात करीब 9:15 बजे के आसपास आदित्यपुर थाना अंतर्गत टीचर्स ट्रेंनिंग मोड़ स्थित एमटीसी मॉल के पीछे कारोबारी अजय प्रताप सिंह और बाबू दास आपस में बातचीत कर रहे थे. इसी दौरान अपराधियों ने उनपर बोतल बम से हमला कर दिया. जिसमें अजय प्रताप सिंह बुरी तरह जख्मी हुए. वही बाबू दास को हल्की- फुल्की चोटे आई. इसके बाद इलाके में सनसनी फैल गई पुलिस ने मुस्तैदी दिखाते हुए मामले का 36 घंटों में खुलासा कर लिया है. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पुलिस सरगना और बचे अपराधियों की गिरफ्तारी कबतक करती है.
बाईट
संतोष कुमार मिश्रा (एसडीपीओ)