आदित्यपुर: शुक्रवार को सरायकेला- खरसावां पुलिस ने चर्चित कारोबारी सह ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह के साले कन्हैया सिंह हत्याकांड का औपचारिक खुलासा कर दिया. पुलिस ने उक्त हत्याकांड में कन्हैया सिंह की बड़ी बेटी अपर्णा सिंह, उसके प्रेमी राजवीर सिंह, शूटर निखिल गुप्ता और कांग्रेस जिलाध्यक्ष छोटेराय किस्कू के नाबालिग पुत्र को गिरफ्तार कर सलाखों के पीछे भेज दिया है. बाकी दो अपराधकर्मियों राजू दिग्गी उर्फ डिक्की और रवि सरदार की गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी जारी है.
पुलिस ने इनके पास से हत्या में प्रयुक्त एक देसी कट्टा, .315 बोर का एक खोखा, घटना में प्रयुक्त MG हेक्टर गाड़ी संख्या JH05CY- 3904, चार मोबाइल और कपड़े बरामद किए हैं. एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि सभी ने अपने गुणाह कुबूल कर लिए हैं. सभी को सजा दिलाने के लिए पुलिस के पास पर्याप्त साक्ष्य मौजूद है. स्पीडी ट्रायल चलाकर सभी को सजा दिलाई जाएगी.
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घटना का सारांश
घटना के संबंध में एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि कन्हैया सिंह की बड़ी पुत्री अपर्णा सिंह का राजवीर सिंह के साथ करीफ पांच वर्षों से संबंध चल रहा था. इस कारण कन्हैया सिंह बार-बार अपर्णा सिंह को डांट- फटकार करते थे. कन्हैया सिंह द्वारा राजवीर सिंह और उसके परिवार को धमकी दिया गया था. परंतु लड़की का प्रेम राजवीर के साथ जारी था. राजवीर सिंह को अपने कार्यालय में बुलाकर पिस्टल सटाकर मारपीट भी किया गया था. तथा राजवीर के घर वालों को जलील भी किया था. कन्हैया सिंह के डर से राजवीर सिंह के पिता ने माझी टोला के घर को औने- पौने दामों में बेचकर मानगो में भाड़े के मकान पर रहने लगे. एसपी ने बताया कि कन्हैया सिंह के डर से राजवीर ने भी अपर्णा से बातचीत करना छोड़ दिया. जिसको लेकर अपर्णा ने संवाद भेजकर राजवीर को बात करने के लिए कहा था, मगर राजवीर फिर भी बात नहीं करना चाह रहा था. उसके बाद अपर्णा ने राजवीर को डराने के लिए चूहे का दवा खाते हुए अपना वीडियो बनाकर राजवीर को भेजा जिससे राजवीर डर गया. फिर दोनों के बीच बातचीत शुरू हुई. इसकी जानकारी फिर कन्हैया सिंह को लग गई. जिसके बाद कन्हैया सिंह ने फिर से दोनों पर दबाव बनाना शुरु किया. इस बार राजवीर ने अपर्णा से उसके पिता यानी कन्हैया सिंह को रास्ते से हटाने की बात कही. एसपी ने बताया कि दोनों इस पर सहमत हो गए. फिर राजवीर ने अपने पुराने दोस्त निखिल गुप्ता से संपर्क साधा.
निखिल भी कन्हैया सिंह की प्रताड़ना से त्रस्त था उसने राजगीर का साथ देने का भरोसा दिलाया. निखिल एक हिस्ट्रीशीटर अपराधी था. जिसके बाद अपर्णा ने अपने पिता कन्हैया सिंह द्वारा दी गई हीरे की अंगूठी बतौर पेशगी निखिल गुप्ता को दिया, और अपने पिता की हर गतिविधि की जानकारी अपर्णा द्वारा राजवीर सिंह को दी जाने लगी. उन्होंने बताया कि बीते 19/ 20 जून को राजवीर सिंह को पता चला कि कन्हैया सिंह सोनपुर बिहार में है. तब राजवीर, निखिल और उसका दोस्त तीनों राजवीर की गाड़ी एमजी हेक्टर से सोनपुर गए. वहां उसका नाबालिक दोस्त एक व्यक्ति से संपर्क कर हथियार उपलब्ध कराया. सोनपुर में भीड़- भाड़ होने के कारण इनकी मंशा विफल रही. फिर 29 जून को अपर्णा सिंह ने अपने बॉयफ्रेंड राजवीर सिंह को बताया कि मेरे पिताजी अभी तक घर नहीं लौटे हैं. बाहर हैं देर रात तक लौटेंगे. तब राजवीर ने यह बात निखिल को बताया और कहा आज बढ़िया मौका है कन्हैया को जान से मार दो. तब निखिल गुप्ता ने अपने दो सहयोगी रवि सरदार और राजू दिग्गी उर्फ डिक्की को लेकर अपने योजना अनुसार कन्हैया सिंह के फ्लैट के ऊपर छत पर जाकर कन्हैया सिंह के आने का इंतजार करने. लगे रात्रि करीब 9:45 बजे के आसपास जैसे ही कन्हैया सिंह वापस अपने फ्लैट पर आए और सीढ़ी चढ़कर अपने फ्लैट के सामने पहुंचे, कि निखिल गुप्ता एवं उसके दोनों सहयोगियों ने कन्हैया सिंह को सामने से सिर में गोली मार दी. और मौके से फरार हो गए.
क्यों गुस्से में हैं एसपी
पूरे घटनाक्रम की जानकारी देते हुए एसपी आनंद प्रकाश ने बताया कि मामले के उद्भेदन को लेकर उन पर काफी दबाव था. इसको लेकर उन्होंने नाराजगी भी जताई, उन्होंने यहां तक कह डाला कि पुलिस कोई जेम्स बांड नहीं होते. विरोध करने वालों को थोड़ा संयम बरतना चाहिए था. पुलिस पर भरोसा करनी चाहिए थी. विरोध के और भी तरीके होते हैं. मीडिया कर्मियों से बात करते हुए एसपी ने खुलकर अपने दिल की बात बताई. उन्होंने मीडिया की भूमिका पर भी सवाल खड़े किए.
आगे क्या ! क्यों एसपी ने कहा आदित्यपुर में नहीं चलेगा कट्टा राज
कन्हैया सिंह हत्याकांड को लेकर जिस तरह से पुलिस पर हमले किए गए उसे व्यथित एसपी आनंद प्रकाश ने इशारों ही इशारों में काफी कुछ कह डाला. इसके कई मायने लगाए जा सकते हैं. यू कहे तो हर उस शख्स ने पत्थर फेंका जिसके दामन खुद दागदार थे. जिसे हौसला देनी चाहिए वह विरोध में खड़ा था. लक्ष्य बेहद ही चुनौतीपूर्ण था. मगर उद्भेदन करने के जज्बे ने उन्हें प्रेरित किया जिसमें एसडीपीओ हरविंदर सिंह के नेतृत्व में गठित 15 सदस्यीय एसआईटी की भूमिका सराहनीय रही. उन्होंने सभी जांबाज़ अधिकारियों को पारितोषिक देने की घोषणा की. इसके साथ ही एसपी आनंद प्रकाश ने साफ तौर पर कड़े लहजे में छुटभैये नेताओं और सड़क छाप गुंडों को चेतावनी देते हुए कहा, कि अब आदित्यपुर में कट्टा राज नहीं चलेगा. उनका इशारा कहीं ना कहीं सड़क छाप गुंडों पर सीधी कार्यवाई करने की ओर था. उन्होंने बताया कि अब अपराधी काउंटर किए जाएंगे. एसपी आनंद प्रकाश ने कहा कन्हैया सिंह हत्याकांड में पुलिस ने जिस तरह से कार्रवाई की है उसे देख इलाके के गुंडे- मवालियों में दहशत का माहौल है. यही कारण है कि पिछले 3 दिनों के भीतर 4- 4 कुख्यात अपराध कर्मियों ने आत्मसमर्पण किया है. उन्होंने गुंडे मवालियों को नसीहत देते हुए कहा है कि मुख्यधारा में लौट जाएं यदि दुबारा इलाके को अशांत करने का प्रयास करेंगे तो बेमौत मारे जाएंगे.
बाईट
आनंद प्रकाश (एसपी- सरायकेला- खरसावां)
एसआईटी में शामिल अधिकारी
एसडीपीओ हरविंदर सिंह के नेतृत्व में 15 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया. जिसमें आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार, गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार, कांड्रा थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद महतो, आरआईटी थाना प्रभारी मोहम्मद तंजील, सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार, खरसावां थाना प्रभारी प्रकाश रजक, दलभंगा ओपी प्रभारी सनोज कुमार चौधरी, कांड के अनुसंधानकर्ता सत्यवीर सिंह, एएसआई सागर लाल महथा, एएसआई मोहम्मद मकसूद अहमद, एएसआई सुमन सौरभ, एएसआई अभिषेक प्रताप, एएसआई चंदन कुमार एवं आरक्षी संदीप दुबे को शामिल किया गया. टीम ने बेहद प्रोफेशनल तरीके से अनुसंधान करते हुए पूरे घटनाक्रम का खुलासा किया है.
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