आदित्यपुर: हथियाडीह के इंडस्ट्रियल पार्क स्थित 650 बेड के मल्टीस्पेशलिटी नेताजी सुभाष मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एमजीएम मेडिकल कॉलेज अस्पताल के पूर्व सेवानिवृत्त प्रिंसिपल रहे डॉ केएन सिंह ने बतौर प्रिंसिपल गुरुवार को अपना योगदान दिया है. उनके साथ उप प्रधानाचार्य के रूप में एमजीएम के ही सेवानिवृत्त प्रोफेसर डॉ. नवीन कुमार सिन्हा योगदान दिया है.
संस्थान के चेयरमैन मदन मोहन सिंह ने दोनों का स्वागत करते हुए संस्थान के तरक्की में अपना सर्वश्रेष्ठ योगदान देने का अनुरोध किया. उन्होंने बताया कि कॉलेज में बेहतर शैक्षणिक माहौल बने एवं छात्र- छात्राओं को यहां उच्च कोटि की शिक्षा मिले इसको देखते हुए अनुभवी चिकित्सकों एवं प्रबंधको की नियुक्ति की जा रही है. दोनों चिकित्सक के पास लंबा अनुभव है इसका लाभ यहां के छात्र- छात्राओं को मिलेगा.
वहीं दोनों चिकित्सकों ने बताया कि अपने जीवनकाल में जो भी अनुभव प्राप्त किए हैं इस संस्थान में शिक्षा हासिल करने वाले छात्र- छात्राओं को देने का काम किया जाएगा. दोनों ने संस्थान में उच्च कोटि का इंफ्रास्ट्रक्चर होने की बात कही. साथ ही यह भी कहा कि जिस तरह के प्रयास संस्थान के चेयरमैन कर रहे हैं उससे ऐसा लगने लगा है कि अब वो दिन दूर नहीं जब यह अस्पताल और यहां शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्र- छात्राएं दुनिया में संस्थान का नाम रोशन करेंगे. इस अवसर पर एनएसएमसीएच आदित्यपुर के सभी चिकित्सक एवं स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे.
*कल होगा सिटी स्कैन सेंटर और नए रिशेप्सन का उद्घाटन*
नेताजी सुभाष ग्रुप के चेयरमैन मदन मोहन सिंह ने बताया कि शुक्रवार को अस्पताल में सिटी स्कैन सेंटर एवं नए रिसेप्शन सेंटर का उद्घाटन कोल्हान कमिश्नर हरि प्रसाद केसरी करेंगे. इसकी पूरी तैयारी कर ली गई है. कल से ही सिटी स्कैन सेंटर ऑपरेशनल मोड में काम करने लगेगा. विदित हो कि इसी साल 17 अप्रैल को नेताजी सुभाष ग्रुप के दूसरे मेडिकल कॉलेज अस्पताल का उद्घाटन आदित्यपुर के हथियाडीह स्थित इंडस्ट्रियल पार्क में हुआ है. यहां डेढ़ सौ पद स्वीकृत हैं. 14 एकड़ में निर्माणाधीन 650 बेड के इस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हर प्रकार के अत्याधुनिक मशीन लगाए जा रहे हैं. यहां सर्जरी, और प्रसव सेवा शुरू हो चुकी है. यहां ईलाज कराने पहुंचने वाले मरीजों से ओपीडी शुल्क नहीं लिया जाता है यह पूरी तरह से निःशुल्क है. इसके अलावे यहां इलाज से लेकर सभी तरह के जांच अन्य अस्पतालों की तुलना में आधे से भी कम हैं. थोड़े ही समय में इस अस्पताल ने अपनी अलग पहचान बना ली है.