आदित्यपुर: सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के एक दो वार्डों को छोड़ वैसे तो सभी वार्डों में समस्याओं का अंबार है, मगर कुछ ऐसे वार्ड हैं जहां नगर निगम की अहमियत कागजों तक सिमटकर रह गई है.
सीवरेज- ड्रेनेज और जलापूर्ति के लिए खोदे गए गड्ढों के कारण हर वार्ड की सड़कें बदहाल हो चुकी है. बरसात सर पर है, वहीं निगम के अधिकारी और पार्षदों को इसकी चिंता नहीं है. योजनाएं कछुआ चाल से चल रही है. कई ऐसे क्षेत्र हैं जहां कई विभागों से आज तक एनओसी नहीं मिलने के कारण योजनाएं अधूरी पड़ी है.
वहीं गंदगी का हर तरफ अंबार लगा हुआ है. डोर टू डोर कचरा उठाव भी खास वार्डों में नियमित हो रहा है, जबकि बाकी वार्डों में भगवान भरोसे चल रहा है. न कचरा गाड़ी के आने का समय तय है, न जाने का. आया भी तो खराब सड़कों का हवाला देकर डोर- टू- डोर न पहुंचकर खानापूर्ति कर वापस लौट जाते हैं. मोनिटरिंग करनेवाला कोई नहीं. जबकि टैक्स में तीन गुणा वृद्धि कर दिया गया है. अब सवाल यह उठता है कि इसके लिए जिम्मवार कौन है.
इधर वार्ड 20 स्थित अलकतरा ड्रम बस्ती का इन दिनों बुरा हाल है. तीन- तीन बार यहां की जनता ने पार्षद वीरेंद्र गुप्ता को भारी मतों से जीता कर निगम भेजा, मगर यहां के लोगों की दुर्दशा देख आप स्वत: अंदाजा लगा लेंगे, कि चुनाव जीतने के बाद पार्षद इस बस्ती को लेकर कितने गंभीर हैं. वैसे वार्ड 20 शुरू से ही सुर्खियों में रहा है. क्षेत्र के लोग इस बार नगर निगम के चुनाव में सोच समझकर मतदान करने की बात करते सुने जा रहे हैं. हालांकि अभी करीब 7- 8 महीने बच गए हैं वर्तमान नगर निगम के कार्यकाल का.