आदित्यपुर/ क्या नगर निगम में बाबाकुटी छठ घाट की योजना को लेकर बड़ा घोटाला हुआ है ? आखिर क्या वजह है कि 65 लाख की लागत से निर्मित बाबाकुटी छठ घाट का आजतक उद्घाटन नहीं हुआ. इस मुद्दे पर सभी मौन हैं. हर साल छठ पर्व के मौके पर जिले के आलाधिकारी यहां पहुंचते हैं और उक्त घाट को डेंजर जोन घोषित कर अपना पल्ला झाड़ लेते हैं. मगर बड़ा सवाल है कि आखिर छठ घाट का पैसा कहां गया ? खबर है कि संवेदक को सारा भुगतान कर दिया गया है.
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बता दें कि बाबाकुटी आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 34 में पड़ता है. यह एक बड़ी आवासीय कॉलोनी है जो खरकई नदी के तट पर बसा है. यहां न केवल बाबाकुटी बल्कि बंतानगर से भी सैकड़ों की संख्या में लोग स्नानादि नित्य कर्म के लिए आते हैं. खरकई का प्रदूषणरहित पानी यहां से बहने के कारण यह घाट शुरू से ही लोगों के लिए मनोरम रहा है. बड़े- बड़े चट्टानों और बेतरतीब पानी के जलस्तर की वजह से यह घाट डेंजर जोन बना हुआ था. दर्जनों लोग इस घाट में डूबकर असमय काल- कवलित हो चुके हैं. इस घाट को व्यवस्थित कराने को लेकर क्षेत्र की जनता ने कई बार आवाज बुलंद की थी. इसको ध्यान में रखते हुए तत्कालीन मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव ने पार्षद रीता देवी की मांग पर छठ घाट के रूप में उक्त घाट को बनाने का प्रस्ताव बोर्ड बैठक में पास कराया, मगर क्षेत्र की जनता को क्या मालूम कि छठ घाट के नाम पर प्राक्कलित राशि माननीयों के मिलीभगत से संवेदक और विभागीय अधिकारी डकार गए और जनता को मिला झुनझुना जिसे छठ पर्व के मौके पर प्रशासनिक अधिकारी बजाने पहुंच जाते हैं और डेंजर जोन की घोषणा कर चले जाते हैं.
वैसे इस साल छठ पर्व के मद्देनजर डेंजर जोन घोषित करने पहुंची प्रशासनिक टीम को यहां के लोगों का भारी आक्रोश झेलना पड़ा था. लोगों के विरोध को देखते हुए एसडीओ पारुल सिंह ने पूरे मामले की जांच कराने और एक साल के भीतर छठ घाट को दुरुस्त कराने का भरोसा दिलाया है, अब लोगों की निगाहें प्रशासनिक कार्रवाई पर टिकी है.
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