आदित्यपुर: नगर निगम चुनाव की सुगबुगाहट देख कई समाजसेवी आदित्यपुर में सक्रिय हो गए थे. वैश्विक त्रासदी कोरोना महामारी के दौर में समाजसेवियों ने खूब नाम कमाया. नगर निगम चुनाव ठंडे बस्ते में जाते ही समाज सेवक गधे की सिंह की तरह गायब हो गए हैं. ढूंढने से भी समाज सेवक नजर नहीं आ रहे. हां 1- 2 समाज सेवक ऐसे जरूर हैं जो किसी न किसी मुद्दे को लेकर नगर निगम में सक्रिय जरूर है, मगर क्षेत्र में पड़ रहे प्रचंड गर्मी की वजह से नगर निगम की जनता बूंद- बूंद पानी को लेकर त्राहिमाम कर रही है. ऐसे में जनता अंततः नगर निगम पर ही निर्भर है.
वैसे पिछले साल गर्मियों में आगामी नगर निगम चुनाव को देखते हुए टैंकर द्वारा निजी खर्चे पर जलापूर्ति कराया था. जिसकी खूब चर्चा हुई थी. मानो उन्होंने जंग जीत लिया हो. मगर जैसे ही चुनाव ठंडे बस्ते में गया टैंकर भी गायब हो गया. इस साल लोग भीषण जल त्रासदी से गुजर रहे हैं. कोई समाजसेवी इस साल गर्मियों में टैंकर द्वारा ड्राई जोन में पानी बांटता नजर नहीं आया. जिससे साफ जाहिर होता है कि पानी बांटना भी राजनीति का एक हिस्सा था. खैर नगर निगम अपनी उपलब्धता के अनुसार जो बंन पड़ रहा है वह कर रही है. हालांकि इसके लिए नगर निगम भी कम जिम्मेदार नहीं है. करीब 400 करोड़ की जलापूर्ति योजना अब तक धरातल पर नहीं उतरी है, जो नगर निगम की सबसे बड़ी विफलता है.