आदित्यपुर (Sumeet Singh) टाटा- कांड्रा रोड से जयप्रकाश उद्यान होते हुए लक्ष्य अपार्टमेंट तक सड़क के लिए वर्षों पुरानी मांग पर वन विभाग की मुहर लगते ही क्षेत्र के लोगों में खुशी की लहर दौड़ पड़ी है. इस सड़क के बनने का मार्ग प्रशस्त हो गया है. अब सबकी निगाहें नगर निगम पर टिक गयी है. सभी को नगर निगम के बोर्ड बैठक का इंतजार है. पार्षद नीतू शर्मा ने बताया कि बोर्ड बैठक में उक्त सड़क का प्रस्ताव लाया जाएगा, मुझे पूर्ण विश्वास है कि मेयर, डिप्टी मेयर एवं सहयोगी पार्षदगण क्षेत्र के लोगों की समस्या को देखते हुए सहयोग करेंगे, ताकि इसी कार्यकाल में क्षेत्र की जनता को इसका सौगात मिल सके.
पुरेन्द्र बनायेगे नोएडा- गुरुग्राम
उक्त सड़क को लेकर एनओसी मिलते ही आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह राजद के प्रदेश महासचिव पुरेन्द्र नारायण सिंह ने वन विभाग के प्रति आभार प्रकट किया है. उन्होंने कहा कि अब सड़क को लेकर आंदोलन किया जाएगा. उन्होंने कहा एनओसी मिलने से करीब पांच सौ परिवार लाभान्वित होंगे.
विदित हो कि उक्त सड़क को लेकर आदित्यपुर विकास समिति के बैनर तले पुरेन्द्र ने आंदोलन करने की बात कही थी, हालांकि ऐसा उन्होंने तब कहा था, जब नगर निगम का चुनाव सर पर था और रोस्टर जारी नहीं हुआ था. रोस्टर जारी होने के बाद चुनाव टलते ही आदित्यपुर नगर निगम के कई सूरमा गायब हो गए. सारे मुद्दे गायब हो गए. मेयर का ख्वाब देखनेवाले बड़े- बड़े समाजसेवी और नेता पार्षद बनने की जुगत में भिड़ गए और अपना ध्यान वार्ड पर केंद्रित कर दिया. तब पुरेन्द्र ने वार्ड 17 को नोएडा और गुरुग्राम के तर्ज पर और मिरुडीह को नॉर्दन टाउन के तर्ज पर विकसित करने की बात कही थी. फिलहाल वो सभी वायदे कागजों और अखबारों में सिमट कर रह गए हैं.
बेल्डीह बस्ती को भी वन विभाग दे एनओसी: बाबू तांती
वार्ड 17 के सड़क को लेकर वन विभाग द्वारा एनओसी दिए जाने पर टीएमसी नेता और आदित्यपुर नगर निगम के मेयर प्रत्याशी रहे विशेष कुमार तांती उर्फ बाबू तांती ने नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत वार्ड 14 के बेल्डीह बस्ती की सड़कों को लेकर भी एनओसी दिए जाने की मांग की है. उन्होंने कहा रसूखदारों के लिए वन विभाग द्वारा एनओसी दे दिया गया, मगर झुग्गी बस्ती और आदिवासी- मूलवासियों की बस्ती को लेकर किसी ने आवाज बुलंद नहीं की. यहां सैकड़ों परिवार वर्षों से निवास कर रहे हैं, सभी दिहाड़ी मजदूर वर्ग से आते हैं. बरसात के दिनों में पूरी बस्ती टापू में तब्दील हो जाती है, ऐसे में उक्त बस्ती में सड़क का न होना कहीं न कहीं सरकार, निगम प्रशासन और वन विभाग के लिए एक आंख में काजल एक आंख में सूरमा वाली कहावत चरितार्थ करती है. उन्होंने वार्ड 17 के तर्ज पर निगम क्षेत्र के वैसे सभी सड़कों को फॉरेस्ट क्लीयरेंस देने की मांग की है जिनका काम वन विभाग के एनओसी के बिना रुका हुआ है.