आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र अंतर्गत गम्हरिया बाजार के स्थायी दुकानदारों की परेशानी बढ़ सकती है. नगर निगम इसकी तैयारी में जुट गई है. बता दें कि बाजार के साफ- सफाई एवं रखरखाव का जिम्मा मैसर्स स्नेहा इंटरप्राइजेज को मिला है. इसके तहत बाजार के शुल्क वसूली का काम एजेंसी को करना है.
अस्थायी दुकानदार नियमित शुल्क दे रहे हैं, मगर स्थायी दुकानदारों द्वारा तय शुक्ल ₹1210 का विरोध किया जा रहा है और वे शुल्क नहीं दे रहे हैं. जबकि अस्थाई दुकानदारों द्वारा नियमित रूप से ₹10 प्रति दिन एजेंसी को शुल्क दिया जा रहा है. स्थाई दुकानदार राजनीति के शिकार हो रहे हैं. दुकानदारों की आड़ में कुछ राजनीतिक लोग अपनी रोटी सेकने में लगे हुए हैं, जो दुकानदारों को भड़का कर सरकारी काम में बाधा उत्पन्न कर रहे हैं.
बता दें कि 19 नवंबर को आदित्यपुर नगर निगम के पत्रांक संख्या 2719 के आदेश के तहत गम्हरिया बाजार के विक्रेताओं से ठोस अपशिष्ट प्रबंधन शुल्क वसूली एवं बाजार प्रबंधन की जिम्मेदारी का एहसास कराते हुए कार्रवाई सुनिश्चित करने का आदेश दिया गया था. जिसके बाद एजेंसी मेसर्स स्नेहा इंटरप्राइजेज हरकत में आई और सहूलियत के अनुसार दुकानदारों से शुल्क वसूली का काम शुरू किया, मगर स्थाई दुकानदारों ने अब तक शुल्क देना शुरू नहीं किया है, जबकि अस्थाई दुकानदार नियमित रूप से शुल्क दे रहे हैं.
कई स्थाई दुकानदारों ने बाजार में कर रखा है अतिक्रमण, कई का लीज अनुबंध हो चुका है समाप्त
बता दें कि बाजार के सभी स्थायी दुकानदारों का लीज 2019 को ही समाप्त हो चुका है. एजेंसी द्वारा उन्हें लीज नवीनीकरण से संबंधित सूचना दे दी गई है. स्थाई दुकानदार लीज नवीनीकरण की चिंता छोड़ राजनीति के शिकार हो रहे हैं, और आए दिन विभिन्न राजनीतिक दलों के प्रभाव में आकर बाजार में बैठक करवा रहे हैं और माहौल को तनावपूर्ण करवा रहे हैं. इसको लेकर निगम प्रशासन सख्त है. इतना ही नहीं अंचल कार्यालय भी इस मामले पर गंभीर है. समय रहते यदि स्थाई दुकानदारों द्वारा अपने- अपने दुकानों के लीज का नवीनीकरण नहीं कराया गया तो उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है.
निगम करा रही है बाजार में नियमित साफ- सफाई और टैंकर से पेयजल की आपूर्ति, शौचालय भी हो रहा दुरुस्त
निगम क्षेत्र के अधीन पड़ने वाले गम्हरिया बाजार में निगम द्वारा हर दिन नियमित रूप से साफ- सफाई कराई जा रही है. साथ ही टैंकर द्वारा जलापूर्ति की जा रही है. वहीं शौचालय के जीर्णोद्धार का काम युद्धस्तर पर जारी है. बावजूद इसके स्थायी दुकानदार शुल्क नहीं दे रहे हैं.