नारकीय जीवन जी रहे सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की जनता के मुंह पर नगर निगम के मेयर, डिप्टी मेयर एवं पार्षदों ने जबरदस्त चांटा मारा है. वैसे इसके लिए जिम्मेदार गोदी मीडिया की भ्रमित करने वाली खबर को माना जा सकता है.
मेयर को बधाई देते डिप्टी मेयर एवं पार्षदगण
गौरतलब है कि आगामी 1 अक्टूबर को देश की राजधानी दिल्ली में स्वच्छ भारत मिशन 2.0 और अमृत 2.0 की शुरुआत होगी. जिसे पीएम मोदी लांच करेंगे. इसमें देशभर के शहरी निकायों के प्रतिनिधियों को आमंत्रित किया गया है. झारखंड से भी 14 लोगों को आमंत्रित किया गया है. इनमें से तीन जनप्रतिनिधि और ग्यारह झारखंड सरकार और एजेंसियों के अधिकारी शामिल होंगे. जनप्रतिनिधि के रूप में झारखंड के आदित्यपुर नगर निगम के मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव, दुमका नगर परिषद की चेयर पर्सन श्वेता झा और गुमला नगर परिषद के चेयरमैन दीप नारायण उरांव को आमंत्रित किया गया है. सभी के ठहरने का प्रबंध झारखंड भवन में किया गया है. इसकी अधिसूचना राज्य सरकार की ओर से जारी कर दी गई है.
पढ़ें चिट्ठी
वैसे टीआरपी पाने के चक्कर में बड़े मीडिया हाउस ने मेयर “विनोद श्रीवास्तव सर्वश्रेष्ठ मेयर प्रधानमंत्री करेंगे सम्मानित” नाम से एक लेख प्रकाशित कर सबको भ्रमित कर दिया.
इधर सुबह से ही मेयर के चाहनेवालों का तांता उनके आवास पर लगने लगा. और छपास नेता और कार्यकर्ता उनके साथ तस्वीरें खिंचवाकर शोषल मीडिया पर ऐसे पोस्ट करने लगे, कि मानो आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र की जनता को नारकीय जीवन जीने को विवश कर देने वाले मेयर को प्रधानमंत्री द्वारा भारत रत्न देने की घोषणा कर दी गई है. बस कुछ ही देर बाद वे भारत रत्न लेने राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली पहुंचने वाले हैं.
नीचे देखिये किस तरह फोटो खिंचवाने की होड़ मची नेताओं और शुभचिंतकों में
हद तो तब हुआ जब पूरे आदित्यपुर नगर निगम के माननीय गण डिप्टी मेयर सहित उन्हें बधाई देने पहुंच गए और जमकर फोटो खिंचवाई और सोशल मीडिया पर वायरल भी किया, जबकि किसी को यह नहीं पता कि वास्तविकता क्या है.
इस संबंध में नाम नहीं छापे जाने की सूरत में एक पदाधिकारी ने बताया कि ऐसी कोई बात नहीं है, ना ही कहीं कोई सर्वे किया गया है. केंद्र सरकार की ओर से तीनो जनप्रतिनिधियों को कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर आमंत्रित किया गया है. सम्मानित किए जाने के सवाल पर उन्होंने सिरे से खारिज करते हुए कहा, उन्हें इसकी कोई जानकारी नहीं है, ना ही कोई चिट्ठी ही उन्हें प्राप्त हुआ है.
देखिए आदित्यपुर नगर निगम की जमीनी हकीकत
वही नारकीय जीवन जी रहे आदित्यपुर के कई लोगों से इस संबंध में हमने बात किए. जहां लोगों द्वारा मेयर के खिलाफ कड़ी टिप्पणी की गई. कई लोग यह कहते सुने गए कि क्षेत्र की जनता नारकीय जीवन जी रहे हैं, और मेयर फोटो सेशन में व्यस्त हैं. एक बार भी जनता का दर्द जानने सड़क पर नहीं उतरे. कोरोना त्रासदी से लेकर अब तक मेयर द्वारा नगर निगम की बोर्ड बैठकों को छोड़ किसी भी सार्वजनिक जगहों का दौरा नहीं किया गया है, ना ही जनता की सुध ली गई है. ऐसे उन्हें अगर सम्मानित किया जाता है, तो आदित्यपुर की जनता का अपमान होगा.
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