सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर नगर निगम कार्यालय में इन दिनों घोटालेबाजों और भ्रष्टाचारियों की चहल कदमी बढ़ी हुई है. आलम ये हो चला है कि जिस संवेदक को विभाग की ओर से ब्लैकलिस्टेड किया जा चुका है वह भी खुलेआम निगम कार्यालय में आना-जाना कर रहा है. आम लोग हो या निवर्तमान जनप्रतिनिधि उन्हें प्रशासक से मिलने के लिए अपॉइंटमेंट लेने की जरूरत पड़ती है मगर ब्लैकलिस्टेड संवेदकों, बिल्डरों और दलालों के लिए सदैव ग्रीन कारपेट बिछा रहता है. वे जब चाहे तब आ- जा सकते हैं. सबसे बड़ी बात ये है कि ऐसे अनेकों मामले हैं जिसमें नगर निगम की कार्रवाई नहीं हुई है जो निगम की कार्यशैली को कटघरे में खड़ा करती है.

उदाहरण के तौर पर बाबाकुटी छठ घाट को ले सकते हैं. 65 लाख की लागत से बना छठ घाट बगैर उद्घाटन के ही जमींदोज हो गया डीसी के आदेश पर संवेदक बालाजी इंटरप्राइजेज को ब्लैकलिस्टेड करने का आदेश निर्गत किया गया. आदेश का पालन भी हुआ. मगर ब्लैकलिस्टेड संवेदक का खुलेआम निगम कार्यालय आना-जाना लगा रहता है. सवाल यह है कि लाखों का भ्रष्टाचार कर डकारने वाले संवेदक के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई और बाबाकुटी की जनता को क्या मिला ? मजे की बात तो यह है कि बालाजी इंटरप्राइजेज के प्रोपराइटर ने ब्लैकलिस्टेड होने के बाद तिरुपति इंटरप्राइजेज के नाम से कंपनी बना ली और टेंडर में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहा है. तिरुपति इंटरप्राइजेज को उत्तम टेंट हाउस से पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के कार्यालय तक सड़क निर्माण का ठेका मिला था जो अधूरा पड़ा हुआ है.
इसी तरह नक्शा विचलन कर बने दो दर्जन से भी ज्यादा नए भवनों और कई टाउनशिप प्रोजेक्ट के खिलाफ किसी तरह की कोई कार्रवाई नहीं की गई है. हम अपने अगले अंक में उन बिल्डर और टाउनशिप प्रोजेक्ट की सूची प्रकाशित करने जा रहे हैं जिनका पिछले 1 साल के दौरान नक्शा पास किया गया और उनका प्रोजेक्ट नक्शा के अनुरूप है या नहीं.
