Saraikela: प्रधानमंत्री बनने के बाद पीएम मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान नामक महत्वाकांक्षी परियोजना की शुरुआत की थी. इसके तहत साफ-सफाई से लेकर खुले में शौच मुक्त भारत का सपना पीएम मोदी ने देखा था. जोर- शोर से इसको लेकर प्रचार- प्रसार और अभियान की शुरुआत की गई. लेकिन सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर नगर निगम की कहानी 6 साल बाद भी अधूरी नजर आ रही है.
जहां स्वच्छ भारत अभियान के तहत पूरे नगर निगम क्षेत्र के साफ- सफाई का कोई ठोस मुकम्मल प्रबंध अब तक नहीं हो सका है. वहीं खुले में शौच मुक्त अभियान भी मानो यहां केंद्र सरकार की महत्वाकांक्षी योजना को मुंह चिढ़ा रहा हो. लगभग सभी वार्डों में केंद्र सरकार की योजना के तहत बननेवाले शौचालय अधूरे पड़े हैं. नगर निगम की ओर से स्वीकृत 12 हजार की राशि भी लाभुकों तक नहीं पहुंची है.
संवेदक ढांचा खड़ा कर फरार हो चुके हैं. अधूरे शौचालय खंडहर का रूप ले चुके हैं. लाभुक अभी भी खुले में शौच को विवश है. आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 12 के पार्षद विक्रम किस्कू का कहना है, कि उनके वार्ड के बेल्डीह बस्ती में 50 से भी अधिक आदिवासी परिवारों के लिए शौचालय की योजना स्वीकृत की गई थी. जिन्हें आधी राशि यानी छः हजार लाभुकों को सीधे खाते में दिया गया. जिससे संवेदक अधूरा शौचालय का निर्माण करा कर फरार हो गया. जबकि आधी राशि आज तक निर्गत हुई ही नहीं.
उन्होंने बताया, कि निगम के बोर्ड मीटिंग में कई बार इस मुद्दे को उठाया गया, लेकिन नगर निगम प्रशासन ने कभी भी मुद्दे को गंभीरता से नहीं लिया. नतीजा ये है, कि जो शौचालय आधे- अधूरे बने थे वह भी खंडहर हो चुके हैं. उन्होंने पार्षदों की उपेक्षा किए जाने का आरोप निगम प्रशासन पर लगाया. कुल मिलाकर आदित्यपुर नगर निगम के लगभग सभी वार्डों की कमोबेश स्थिति यही है. इतना ही नहीं सड़कों के किनारे बनाए गए सुलभ शौचालय की भी स्थिति वैसी ही है. लगभग सभी शौचालय खंडहर में तब्दील हो चुके हैं. जिसकी देखरेख करने वाला कोई नहीं.
अब इसकी जिम्मेदारी किसकी तय होती है यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा. फिलहाल केंद्र सरकार की महत्वकांक्षी योजना स्वच्छ भारत अभियान और खुले में शौच मुक्त भारत अभियान दोनों ही आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में पूरी तरह से विफल साबित हो चुकी है.