आदित्यपुर नगर निगम के कर्मियों की मनमानी के विरुद्ध निबंधित बोरिंग वाहन मालिको ने नगर निगम के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. गुरुवार को सभी बोरिंग वाहन मालिकों ने एकजुटता दिखाते हुए प्रदर्शन किया है. वाहन मालिकों ने कहा कि उनके द्वारा साल में 32450 रुपये देकर निबंधन का रिन्युअल कराया जाता हैं, ताकि वे सीजन में 3 माह बोरिंग कर सकें, लेकिन नगर निगम जरूरतमंदों को परमिशन ही नहीं दे रहा है. उक्त आरोप वाहन मालिक राहुल राज और शंकर राव ने लगाया है. उन्होंने बताया कि स्थल जांच के नाम पर महीनों से जरूरतमंदों के अप्लाई किए गए आवेदन को दबा कर रखे हुए रहते हैं. अगर किसी जरूरतमंद का अप्लाई के आधार पर बोरिंग किया तो वाहन जब्त कर 25 हजार रुपए जुर्माना वसूलते हैं. बता दें कि बीती रात भी आदित्यपुर 2 के रोड नंबर 13 में एक जरूरतमंद के घर हो रहे बोरिंग को बंद कराकर नगर निगम की विजिलेंस टीम ने वाहन जब्त कर ली और 25 हजार जुर्माना लेने के बाद सुबह वाहन को छोड़ा है. ऐसे में यहां काम करना मुश्किल हो गया है. ऐसे भी मानगो औऱ जुगसलाई में निबंधन फीस 10500 है और यहां 32450 रुपए लिया जाता है, इसके अलावा निबंधन रिन्युअल करने वाले कर्मी अलग से 8 से 10 हजार रुपए घूस मांगते हैं.
5 वार्ड में बगैर परमिशन पार्षद करवाते हैं बोरिंग
वाहन मालिकों ने कहा निगम में दो तरह के कानून चलते हैं. पार्षद का नाम नहीं छापने के शर्त पर बताया कि यहां 5 वार्डों के दबंग पार्षद 10- 10 हजार लेकर बगैर परमिशन बोरिंग करवाते हैं. इन्हें कोई झांकने तक नहीं आता है.