आदित्यपुर: भले सरकार ने 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को विधानसभा में पारित करा लिया है, मगर क्या सरकार में इसको लेकर आम सहमति है इस पर संशय बना हुआ है. सरकार की सहयोगी दल कांग्रेस खुले मंच से तो सरकार का समर्थन करती नजर आ रही है, मगर झारखंड की इकलौती कांग्रेसी सांसद गीता कोड़ा और राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा सरकार के इस फैसले से नाराज चल रहे हैं. कोड़ा दंपत्ति शुरू से ही 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति को लेकर सरकार के फैसले से खुश नहीं हैं. दोनों ने कई बार सरकार को 1964 सर्वे को आधार बनाने की अपील की है, ताकि स्थानीय नीति का लाभ कोल्हान के लोगों को भी मिल सके.
रविवार को कोड़ा दंपत्ति आदित्यपुर पहुंचे. जहां पार्टी के कार्यकर्ताओं से मिले और आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर आयडा परिसर में चाय पर चर्चा की.
आगामी नगर निगम चुनाव को लेकर श्रीमती कोड़ा ने कहा नगर निगम का वर्तमान कार्यकाल बेहद ही निराशाजनक रहा. चूंकि पार्टी आधारित चुनाव नहीं होना है, मगर पार्टी समर्थित कार्यकर्ताओं को चुनाव में उतारना है. इसको लेकर कार्यकर्ताओं के साथ मंत्रणा किया गया. साथ ही भविष्य की चर्चाएं की गई. उन्होंने कहा कि वर्तमान में आदित्यपुर नगर निगम की हालत अत्यंत ही दयनीय है. लोग नारकीय जीवन जीने को विवश है. ऐसे में पार्टी आगामी चुनाव में पुरजोर तरीके से अपने लोगों को समर्थन करेगी. इस दौरान वरिष्ठ कांग्रेसी दिवाकर झा, अंबुज कुमार, जगदीश नारायण चौबे, रमेश कुमार बलमुचू, रानी कालुंडिया, कुणाल राय, अनामिका सरकार, राणा सिंह, सूरज शर्मा सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद रहे.
बाईट
गीता कोड़ा (सिंहभूम सांसद)