आदित्यपुर: सरायकेला जिले के आदित्यपुर स्थित मेडिट्रीना सुपरस्पेशलिटी अस्पताल मरीजों के लिए काल बनता जा रहा है. आए दिन इस अस्पताल पर मरीजों के ईलाज में लापरवाही का आरोप लगते रहे हैं. कई बार मरीजों की मौत के बाद परिजनों द्वरा यहां हंगामे की सूचनाएं आती रहती है, बावजूद इसके इस अस्पताल के खिलाफ अबतक कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
आपको बता दें कि मेडिट्रीना सुपरस्पेशलिटी अस्पताल हर्ट के लिए विख्यात है, मगर यहां डायलसिस सेंटर भी है इसी वजह से इस अस्पताल को सरकार और जिला प्रशासन की ओर से छूट दी गई है, मगर छूट की आड़ में यहां मरीज पिस रहे हैं. कभी ईलाज में लापरवाही, तो कभी गतल ईलाज, कभी अधिक पैसे वसूली तो कभी डॉक्टरों की बदसलूकी इस अस्पताल में ईलाज कराने पहुंचे मरीजों के परिजनों के लिए परेशानी का शबब बनता जा रहा है.
रविवार को ऐसा ही एक मामला प्रकाश में आया, जिसके बाद अस्पताल की व्यवस्था सवालों के घेरे में आ गयी है. जहां 45 वर्षीय महिला की मौत के बाद परिजनों ने जमकर बवाल काटा. महिला का नाम पूनम कश्यप था और पिछले नौ महीने से उनका डायलसिस चल रहा था. परिजनों ने बताया कि महिला बिल्कुल स्वस्थ्य थी और आज खाना बनाकर यहां डायलिसिस कराने पहुंची थी. डॉक्टरों ने एक के बाद एक पांच- छः इंजेक्शन दे दिया जिससे महिला की तबियत बिगड़ने लगी. उसके बाद डॉक्टरों ने आनन- फानन में रेफर कर दिया. और ऑक्सीजन हटा दिया. जबतक महिला को दूसरे अस्पताल ले जाने लगे उन्होंने दम तोड़ दिया.
इधर हंगामा की सूचना पर पहुंची पुलिस ने पूरे मामले की जांच की और हंगामा कर रहे लोगों को समझा बूझकर मामले को शांत कराया वहीं परिजन मुआवजा और दोषी डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर अड़े रहे. परिजनों ने शव लेने से इंकार कर दिया है. समाचार लिखे जाने तक परिजन अस्पताल में जमे रहे.
इधर मरीज का ईलाज कर रहे नेफ्रोलॉजिस्ट डॉ. सुजीत कुमार ने बताया कि आज अस्पताल में डायलिसिस नहीं होती है. मशीन मेंटेनेंस में रहता है. महिला का यहां आयुष्मान भारत योजना से पिछले करीब सालभर से डायलसिस चल चल रहा था आज उनकी तबियत बिगड़ने पर परिजन लेकर आए थे, मगर देर होने और स्थिति नाजुक होने पर उन्हें तत्काल ब्रम्हानंद या टीएमच ले जाने की सलाह दी गयी. उन्होंने कहा कि उनकी तरफ से कोई कोताही नहीं बरती गई है. अस्पताल प्रबंधन के साइट से आगे क्या हुआ मैं बता पाने में असमर्थ हूं. हालांकि इस संबंध में प्रबंधन की ओर से पक्ष रखने कोई नहीं आया.