आदित्यपुर: आदिवासी हो समाज के नव वर्ष की शुरुआत माघे पर्व से होती है. इसको लेकर आदिवासी हो समाज में खासा उत्साह देखा जाता है. रविवार को कुलुपटांगा में आदिवासी हो समाज माघे पूजा समिति (गोलेयां साईं) में माघे मिलन कार्यक्रम में झामुमो नेता डब्बा सोरेन शामिल हुए और मांदर पर थाप लगाकर पारंपरिक नृत्य में हिस्सा लिया.

1927 से हो रहा है माघे मिलन
मालूम हो कि आदिवासी हो समाज माघे पूजा समिति कुलुपटांगा (गोलेया साईं) में 1927 से माघे मिलन कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है. इसकी जानकारी देते हुए समिति के सचिव लखिन्द्र कालूंडिया ने बताया कि यहां आदिवासी हो समुदाय का नव वर्ष काफी धूमधाम से मनाया जाता है. एक हफ्ते तक यह कार्यक्रम चलता है. यहां पारंपरिक दिउरी (पुजारी) सेलये हेंब्रम ने अखड़ा का विधि- विधान से पूजा कराया जिसमें समाज के लोग पारंपरिक नृत्य संगीत के माध्यम से नव वर्ष के आगमन का स्वागत करते हैं.
परंपरा को सहेजने की जरूरत: डब्बा
रविवार को कार्यक्रम में शामिल झारखंड मुक्ति मोर्चा के नेता डब्बा सोरेन ने समाज के लोगों का उत्साह वर्धन किया और मांदर की थाप पर पारंपरिक नृत्य किया. उन्होंने समाज के लोगों को नव वर्ष की शुभकामनाएं दी और कहा कि आदिवासी हो समुदाय अपने सांस्कृतिक धरोहरों को काफी बेहतर तरीके से सहेजने का काम कर रहा है. यहां आकर सुखद अनुभूति हो रही है. उन्होंने समाज के लोगों से इसमें बढ़चढ़ कर हिस्सा लेने की अपील की.
