घटस्थल से Live
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आदित्यपुर: सरायकेला खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत M-47 में हुए हृदय विदारक घटना ने सभ्य समाज को सोचने पर विवश कर दिया है कि आखिर हम कहां जा रहे हैं. इस घटना ने एक बात और साबित कर दिया है, कि वाकई रईसों की सोसाइटियों में इंसानियत समाप्त हो चुकी है. रईसों की सोसायटी के लोगों ने घर की चाहरदीवारी से बाहर झांकना बंद कर दिया है. नहीं तो जरा सोचिए एक घर में तीन- तीन हत्याएं हो रही है और समूचा सोसायटी अंजान रहा ! किसी को तो भनक लगी होगी ? कोई तो चीख पुकार सुना होगा ? जबकि एम टाईप के मकान आपस में सटे हैं.
जिस मकान में यह हृदय विदारक घटना हुई उसके ठीक बगल वाला मकान बॉलीवुड अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा का ननिहाल और प्रसिद्ध चिकित्सक रहे डॉ अखौरी का है. घटनास्थल से सौ मीटर की दूरी पर एलआईसी का आवासीय परिसर है. सौ मीटर की दूरी पर समाजसेवी सत्यप्रकाश का आवास और मकान से करीब दो सौ मीटर पर ईचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह का आवास है. इतना ही नहीं घटनास्थल के पीछे भी कई रईसों का मकान है. आगे झुग्गी बस्ती है.
ऐसे में ऐसा हो ही नहीं सकता है कि जब सनकी इमानवेल अपनी पत्नी अनिमा और पुत्र अंकन की हत्या कर रहा होगा तो वे चीखे- चिल्लाए नहीं होंगे. इसका मतलब सभ्य समाज के रईस नैतिकता भूल चुके हैं ? जबकि घटना के साथ लाशें गिनने वालों की तादाद सैकड़ों में थीं. जो पड़ोसी बाहर निकलने से घबरा रहे थे वे लाशों को मोबाईल कैद करते देखे गए. क्या यही है आज 21 वीं सदी का सभ्य समाज ! ऐसे सभ्य सोसाइटियों से झुग्गी झोपड़ी भली. जहां आज भी इंसानियत जिंदा है. मौके पर मौजूद कुछ लोग यह भी कहते सुने गए कि दोपहर तीन बजे से ही घर से शोरगुल की आवाज सुनायी दे रही थी, मगर इस तरह की घटना होगी इसका आभास नहीं था.
आखिर क्या वजह रही होगी इस भीषण हत्याकांड के पीछे ?
घटनास्थल का दृश्य बेहद ही हृदयविदारक था. पूरा कमरा खून से लथपथ था. मासूम अंकन और उसकी मां अनिमा के शरीर पर धारदार हथियार के कई वार के निशान पाए गए हैं. सनकी एनामवेल ने धारदार हथियार से खुद अपनी गर्दन काटकर आत्महत्या कर ली. उसका भी शव खून से लथपथ पाया गया. इन सबके बीच यक्ष प्रश्न हर किसी के जेहन में कौंधता रहा कि आखिर क्या वजह रही, कि हत्यारे एनामवेल ने इतना बड़ा कदम उठाया. सब कुछ तो उसके पास था. कमाऊ पत्नी और इकलौता पुत्र. फिर उसने इतना बड़ा कदम क्यों उठाया ? कहीं उसे अपनी पत्नी पर कोई शक तो नहीं था ? एनामवेल कोई रोजगार नहीं करता था. अनिमा कर्मचारी राज्य बीमा निगम (ईएसआईसी) नामकुम में हेड नर्स के पद पर कार्यरत थी. छः माह पूर्व उसका आदित्यपुर से ट्रांसफर हुआ था. एनामवेल मूल रूप से लातेहार जिले के गारू थाना अंतर्गत ललमटिया गांव का रहने वाला था, जबकि अनीमा पलामू की रहने वाली थी. दोनों ने प्रेम विवाह किया था. यह जानकारी अनीमा के दूर के रिश्ते के भाई सैमसंन ने दी. सैमसन आदित्यपुर सालडीह बस्ती में रहता है. अनिमा की मौत की खबर सोशल मीडिया में देखकर मकान ढूंढते हुए घटनास्थल पर पहुंचा था. उस वक्त तक तीनों का शव पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा चुका था. घटनास्थल पर सब इंस्पेक्टर मनीष कुमार और अखिलेश कुमार अन्य ऑफिसर व जवान के अलावा गिने- चुने कुछ मीडियाकर्मी थे बाकी सभ्य समाज लोग घरों में कैद हो चुके थे. कोई ये बतानेवाला भी नहीं था कि अनिमा का यहां कोई जाननेवाला है या नहीं. वो तो भला हो सोशल मीडिया का जिसकी रिपोर्ट पढ़कर एनामवेल- अनीमा को जानने वाला दूर का ही सही मगर कोई मिला और पता पूछते हुए घटनास्थल पर पहुंचा. जिससे पुलिस को राहत मिली और सैमसंन टोप्पो के जरिए पुलिस ने एनामवेल के परिजनों को इसकी सूचना दी. तब घटनास्थल का पंचनामा हुआ. देर रात एसडीपीओ हरविंदर सिंह ने घटस्थल का मुआयना किया उसके बाद कमरे को सील कर दिया है. संभवतः सोमवार को फोरेंसिक टीम घटनास्थल का सर्वे कर सकती है. मगर यह कौन बताएगा कि आखिर बंद कमरे में हुआ क्या था जिससे ऐसी विभत्स घटना हुई.
एक साल पूर्व ही किराए में रहने आया था टेलेरा दंपति
जिस मकान में यह घटना घटी वह जमशेदपुर को- ऑपरेटिव कॉलेज के पूर्व प्रोफेसर स्वर्गीय सचिंद्र किशोर
वर्मा का है. वे अब इस दुनिया में नहीं हैं उनके पुत्र डॉक्टर हैं जिनकी पोस्टिंग बुंडू में है. मकान के निचले तल पर केयरटेकर कलावती महानंद रहती है. ऊपर माले पर टेलेरा दंपति किराए पर रहता था. बताया जा रहा है कि वे एक साल से यहां रह रहे थे. अक्सर टेलेरा दंपत्ति के बीच विवाद होता था. नामकुम ट्रांसफर होने के बाद अनीमा गुरुवार को यहां आती थी. तीन दिन रुक कर सोमवार को फिर वापस ड्यूटी पर चली जाती थी. रविवार को परिवार चर्च जाता था. घटना के दिन दोपहर में विवाद के बाद जब शाम को कमरे का लाइट नहीं जला तब केयरटेकर को शंका हुई. पहले ऊपर जाकर देखा तो कमरा अंदर से बंद था. इसकी सूचना पड़ोसियों को दी. सामने झुग्गी झोपड़ी में रहने वाले लोगों को भी दी. सीढ़ी के सहारे खिड़की से झांक कर देखने पर सभी के होश उड़ गए. अंदर खून ही खून बिखरा पड़ा था. पहले कमरे में अनीमा का शव तड़प रहा था. दूसरे कमरे में अंकन और एनामवेल खून से लथपथ पड़ा हुआ था. लोगों ने फौरन इसकी सूचना आदित्यपुर थाने को दी. देखते ही देखते सभ्य सोसाइटी के लोगों का जमावड़ा एम- 47 में लग गया. सूचना पर पहुंचे पार्षद रंजन सिंह ने पुलिस की मदद से कमरे का दरवाजा तोड़ा. जिसके बाद तीनों शवों को एक- एक कर बाहर निकाला गया और पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया. बतौर सैमसन टोप्पो एनामवेल और अनीमा ने प्रेम विवाह किया था. दोनों के बीच संबंध ठीक- ठाक थे कभी विवाद जैसी कोई बात सामने नहीं आई थी. जब से यहां रहने आए थे सभी रिश्तेदारों से मिलना जुलना बंद कर दिया था. गांव आना- जाना होता था अचानक से क्या हुआ यह कहना मुश्किल है.
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