आदित्यपुर: क्षेत्र में इन दिनों प्रचंड गर्मी पड़ रही है. हर दिन बढ़ते पारे और उमस भरी गर्मी से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हो रहा है. ऊपर से बिजली विभाग जले पर नमक छिड़कने का काम रहा रहा है. ऐसे में सरकार के उन दावों की भी हवा निकलती नजर आ रही है, जिसमें सरकार द्वारा दावा किया जा रहा है कि राज्य के लोगों को 24 घंटे निर्बाध और गुणवत्तापूर्ण बिजली मिल रही है.
आदित्यपुर आवासीय कॉलोनी के कुलुपटांगा फीडर में बिजली विभाग की आंख मिचौली से जनजीवन बुरी तरह तरह त्राहिमाम कर रही है. कभी मेंटेनेंस के नाम पर तो कभी कम बिजली मिलने के नाम पर घंटों लोड शैडिंग इस फीडर की नियति बन चुकी है. बिजली विभाग के अधिकारियों से पूछने पर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दिया जाता है.
हर दिन रात के वक्त बिजली कट की समस्या आम हो चली है. दिन में मेंटेनेंस के नाम पर और रात में अनियमित विद्युत आपूर्ति से जनजीवन अस्त- व्यस्त हो चला है. लोग धीरे-धीरे बिजली विभाग के खिलाफ आक्रोशित हो रहे हैं. उपभोक्ताओं का कहना है कि बिजली की दरों में बढ़ोतरी की जा रही है ऊपर से बिजली की गुणवत्ता निम्न स्तर का होता जा रहा है.
उपभोक्ता बताते हैं कि कुलुपटांगा फीडर के साथ पक्षपात पूर्ण रवैया अपनाया जा रहा है. सबसे ज्यादा लोड शैडिंग इसी फीडर में किया जा रहा है. रसूखदारों घरों में इनवर्टर और डीजे सेट लगा हुआ है, मगर उन्हें ढंग से नियमित बिजली भी नहीं मिल रही है. बड़े तो बड़े छोटे-छोटे बच्चों का भीषण गर्मी से हाल बेहाल है. बता दें कि कुलुपटंगा फीडरमें ज्यादातर मध्यम एवं निम्न वर्ग के उपभोक्ता रहते हैं, जो दिहाड़ी मजदूरी और छोटे-छोटे कारखानों में काम कर अपना जीवन यापन करते हैं.
वहीं अनियमित विद्युत आपूर्ति को लेकर जनप्रतिनिधियों की चुप्पी पर उपभोक्ता खासे नाराज हैं. उपभोक्ताओं के अनुसार मूलभूत बुनियादी सुविधाओं के मुद्दे पर कभी कोई जनप्रतिनिधि संबंधित विभागों के अधिकारियों से जवाब- तलब नहीं करते. जब उन्हें आवश्यकता होती है तब जनता को अपने हिसाब से हांकने का काम करते हैं. चाहे नगर निगम से संबंधित समस्या हो या, बिजली विभाग की समस्या. जो भी ज्वलंत समस्याएं हैं जनप्रतिनिधि उन समस्याओं को लेकर आंख मूंद लेते हैं. वोट बैंक की जब बारी आती है, उस वक्त उन्हें समस्याएं नजर आती है, और अखबारों में बड़ी- बड़ी खबरें बनवाकर अपना नाम कमाते हैं, प्रचंड गर्मी में बूंद- बूंद पानी को लेकर त्राहिमाम मचा हुआ है. बिजली को लेकर जनता तड़प रही है. मगर इस गंभीर मुद्दे पर किसी भी जनप्रतिनिधि का कोई बयान बिजली विभाग के खिलाफ नहीं आना समझ से परे है.