सरायकेला (Pramod Singh) बीते 29 जून को सरायकेला- खरसावां जिला के आदित्यपुर थाना अंतर्गत हरिओम नगर रोड नंबर 5 स्थित हाउसिंग बोर्ड के एमआइजी फ्लैट संख्या संख्या B/13 निवासी ईचागढ़ के पूर्व बाहुबली विधायक के साले कन्हैया सिंह की हत्याकांड मामले की गुत्थी जिला मुख्यालय ने सुलझा ली है. औपचारिकता बाकी है, जो शुक्रवार को पूरी होगी.
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार कन्हैया सिंह की हत्या किसी और ने नहीं बल्कि उनकी अपनी ही बड़ी बेटी अपर्णा सिंह ने अपने प्रेमी राजवीर सिंह को पाने के लिए करवा डाली. वैसे सभ्य समाज इसे किस नजरिये से देखती है यह गौर करने वाली बात होगी, मगर जिस तरह से कन्हैया सिंह हत्याकांड के बाद कोल्हान को अशांत करने का प्रयास किया गया और उसके लिए मोहरा पुलिस को बनाया गया, क्या वह सही था ? इस पर आत्ममंथन करने की जरूरत है.
कन्हैया सिंह की हत्या से जुड़े कुछ तस्वीरों को देखिये कैसे पुलिस पर दबाव बनाने और हत्याकांड की आड़ में आदित्यपुर में हुई राजनीति
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हर वार को झेल एसपी द्वारा गठित एसआईटी ने कर दिया खुलासा
कन्हैया सिंह हत्याकांड के बाद लगातार सत्ता पक्ष एवं विपक्ष के साथ सामाजिक संगठनों द्वारा एसपी एवं थानेदार को बदले जाने की मांग जोर पकड़ने लगी. यहां तक कि सरकार में बैठे मंत्री, पूर्व मुख्यमंत्री, सत्ताधारी दल के सहयोगी, सत्ताधारी दल के विधायक, सभी पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते और पूर्व विधायक के प्रति सहानुभूति जताते देखे गए, मगर किसी ने यह नहीं सोचा, कि पुलिस के पास कितने संसाधन हैं, जो घटना के तुरंत बाद इतने बड़े मामले का उद्भेदन कर दे. वैसे भला हो राज्य के आदिवासी कल्याण सह परिवहन मंत्री चंपई सोरेन का, जिन्हें अपने जांबाज पुलिस ऑफिसर्स पर पूरा भरोसा था और उन्होंने हत्याकांड के अगले ही दिन एसपी को हत्याकांड के तह तक जाकर हत्यारों को बेनकाब करने की खुली छूट दे डाली. जिसके बाद एसपी आनंद प्रकाश का मनोबल बढ़ा और एसडीपीओ हरविंदर सिंह के नेतृत्व में एक 15 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया गया. जिसमें आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार, गम्हरिया थाना प्रभारी राजीव कुमार, कांड्रा थाना प्रभारी राजेंद्र प्रसाद महतो, आरआईटी थाना प्रभारी मोहम्मद तंजील, सरायकेला थाना प्रभारी मनोहर कुमार, खरसावां थाना प्रभारी प्रकाश रजक, दलभंगा ओपी प्रभारी सनोज कुमार चौधरी, कांड के अनुसंधानकर्ता सत्यवीर सिंह, एएसआई सागर लाल महथा, एएसआई मोहम्मद मकसूद अहमद, एएसआई सुमन सौरभ, एएसआई अभिषेक प्रताप, एएसआई चंदन कुमार एवं आरक्षी संदीप दुबे को शामिल किया गया. टीम ने बेहद प्रोफेशनल तरीके से अनुसंधान करते हुए पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया है. वैसे इसकी औपचारिकता शुक्रवार को पूरी होगी.
हर कोई यह जानने को इक्षुक है कि आखिर कन्हैया सिंह की हत्या उनकी बेटी ने क्यों करायी ! क्या कमी रह गई थी कन्हैया सिंह के परवरिश में ? एक ऐसे खानदान की बेटी ने अपने पिता की हत्या करवा डाली, जिस खानदान की तूती राजनीतिक गलियारों से लेकर समाज के रसूखदारों तक बोलती है. अपने पिता की हत्या की साजिश में शामिल अपर्णा सिंह ने अपने प्रेमी राजवीर सिंह को हासिल करने के लिए एक ऐसे खानदान की मिट्टी पलीद कर दी, जिस खानदान में पलना बढ़ना और खुशी- खुशी ससुराल के लिए विदा होना हर एक बेटी की दिली तमन्ना होगी. अपर्णा ने अपने पिता कन्हैया सिंह, दादा (पूर्व मुखिया) फूफा अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह (पूर्व विधायक ईचागढ़) की सारी प्रतिष्ठा को एक झटके में मिट्टी में मिला दिया. पुलिस इस पूरे हत्याकांड से पर्दा उठाएगी मगर इस पूरे घटनाक्रम पर हमने और हमारी टीम ने जो पड़ताल किए उसे जो निष्कर्ष निकल कर सामने आए उसे हम अपने पाठकों तक शेयर कर रहे हैं. हो सकता है पुलिस के खुलासे से हमारी रिपोर्ट भिन्न हो.
कन्हैया सिंह की तस्वीर
हत्यारी अपर्णा सिंह (साजिशकर्ता)
राजवीर सिंह (साजिशकर्ता)
निखिल गुप्ता (शूटर)
ये video उस वक्त की है, जब कन्हैया सिंह का शव पूर्व विधायक के आवास पहुंचा, देखिये और आंसू बहाने वाले चेहरों को पढ़िए इसमें हत्यारिन बेटी भी मौजूद थी
ये है पूरा घटनाक्रम, जाने कैसे हुआ खुलासा
सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर हरिओम नगर में ईंचागढ़ के पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह के साले कन्हैया सिंह की हत्या की गुत्थी पूरी तरह अब सुलझ चुकी है. पुलिस ने हत्या में प्रयुक्त हथियार को भी बरामद कर लिया है. वहीं, इस कांड में शामिल अपराधी निखिल गुप्ता ने सारे कांड का खुलासा कर दिया है. सबसे पहले एसआईटी ने बनारस से निखिल गुप्ता को दबोचा. जिसके बाद कोलकाता फार्म हाउस से राजवीर की गिरफ्तारी हुई. अंत में पिता के श्राद्धकर्म में शामिल होने समस्तीपुर गयी अपर्णा एसआईटी के हत्थे चढ़ी. पहले तो सभी से अलग- अलग पूछताछ की गई, फिर सभी को एक दूसरे के सामने बैठाकर पूछताछ की गयी. इस दौरान लगभग सारे लोगों ने अपने अपराध स्वीकार कर लिए. इन लोगों के बीच घटना के दिन हुई बातचीत के आधार पर कुछ लोगों से पूछताछ की गयी थी, लेकिन बाद में सारे लोगों को छोड़ दिया गया है.
दरअसल कन्हैया सिंह की बेटी का राजबीर सिंह नामक युवक के साथ प्रेम संबंध है. राजबीर सिंह और अर्पणा सिंह के बीच काफी दिनों से संबंध चल रहा था. इस संबंध को रोकने के लिए पूर्व विधायक अरविंद सिंह उर्फ मलखान सिंह और उसके साले कन्हैया सिंह ने काफी कुछ किया था. पिछले दो साल में लड़के की भी पिटाई की गयी थी, जबकि लड़की को भी जाने नहीं दिया जा रहा था. इन सारी चीजों से पीछा छुड़ाने के लिए बेटी का कन्हैया सिंह ने बैंगलोर में बीबीए में एडमिशन भी करा दिया था, लेकिन बातें जब संभल नहीं पायी तो उसको नहीं भेजा गया. इस दौरान बेटी अर्पणा सिंह को घर में ही रहने की इजाजत थी. अकेले जाने नहीं दिया जा रहा था. लेकिन फोन पर वह अपने प्रेमी से बात जरूर करती थी. इसी फोन पर जो बात होती थी, उससे ही सारा राज खुल गया. राजबीर सिंह के साथ उसकी कई बार बातचीत हुई थी. हत्या के बाद राजबीर के साथ हत्यारों ने भी बातचीत की थी क्योंकि जहां हत्या हुई थी, वहां के फोन नंबर के आउटगोइंग कॉल में राजबीर सिंह का भी नंबर आ गया, जिसके बाद राज खुलता चला गया. पहली गिरफ्तारी बनारस से हुई, जहां से पकड़कर जब निखिल गुप्ता को लाया गया, तब जाकर सारे राज परत दर परत खुलते गये और प्रेमी जोड़े भी पकड़े गये. राजबीर सिंह, कन्हैया सिंह की बेटी अर्पणा सिंह ने मिलकर साजिश को अंजाम दिया और उसको मौत के घाट उतार दिया. इसके बाद से सभी ने चुप्पी साध ली. पूर्व विधायक के बयानबाजी और कन्हैया के शव को आनन फानन में समस्तीपुर ले जाना, बॉडीगार्ड को पुलिस पर दबाव बनाकर छुड़वाना इन सब कारणों से पुलिसिया तफ्तीश कन्हैया सिंह के परिवार की तरफ घूमी जो पूर्व विधायक के चौखट को लांघते हुए पूर्व विधायक के गिरेबान तक जा पहुंची. वैसे इस पूरे प्रकरण में चोर मचाए शोर वाली कहावत चरितार्थ हुई है. जो कांग्रेस चीख- चीख कर पुलिस- प्रशासन को कटघरे में खड़े कर रही थी, उसी कांग्रेस के एक बड़े नेता का पुत्र भी इस हत्याकांड में सवालों के घेरे में आया. संभवत शुक्रवार को पुलिस इसका खुलासा करेगी. हमारे पास इसके पुख्ता प्रमाण नहीं है.
कौन है राजबीर
मिली जानकारी के अनुसार अपर्णा और राजबीर डीएवी एनआईटी के स्टूडेंट थे. दोनों की दोस्ती यहीं से परवान चढ़ी. राजबीर की मां शिक्षिका और पिता ट्रांस्पोर्टर हैं. जब उन्हें कन्हैया सिंह एवं पूर्व विधायक मलखान सिंह के परिवार की बेटी के साथ अपने बेटे के संबंधों की जानकारी हुई, तो वे आदित्यपुर मांझीटोला का मकान बेचकर मानगो चले गए. सूत्र बताते हैं कि इसके लिए अपर्णा के परिजनों (फूफा- पूर्व विधायक एवं पिता कन्हैया सिंह) का काफी दबाव भी था. लेकिन प्यार पर अंकुश नहीं लगा. इन दोनों के बीच रिश्ते गहराते चले गए. अंतत: राजबीर ने प्लान किया कि अब हर हाल में अर्पणा के पिता कन्हैया सिंह को ही रास्ते से निकाल देना होगा. इसके बाद कन्हैया सिंह की हत्या की साजिश रची, जिसकी जानकारी बेटी अर्पणा को थी. इसके बाद हत्या को अंजाम दिलाने के बाद वह गायब हो गया. मगर पुलिस ने उसे ढूंढ निकाला अब सभी को उक्त हत्याकांड के औपचारिक खुलासे की है.
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