आदित्यपुर: झारखंड विधानसभा चुनाव 2024 को लेकर सबसे चर्चित सीट सरायकेला से झारखंड मुक्ति मोर्चा ने अब तक प्रत्याशियों के नाम घोषित नहीं किए हैं. भाजपा ने पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन को चुनावी मैदान में उतार दिया है. इधर टिकट की उम्मीद लगाए बैठे झारखंड मुक्ति मोर्चा के जमीनी कार्यकर्ताओं में मायूसी छाने लगी है. उन्हें ऐसा लगने लगा है कि इस बार पार्टी पैराशूट प्रत्याशी पर दांव लगाने जा रही है.
बता दे कि पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन के पार्टी छोड़कर जाने के बाद पार्टी के अस्तित्व को जिंदा रखने का जिम्मा युवा नेता कृष्णा बास्के और भुगलू सोरेन उर्फ डब्बा सोरेन ने उठाया और गांव- गांव घूम- घूम कर पार्टी के कार्यकर्ताओं में यह विश्वास पैदा किया कि झारखंड मुक्ति मोर्चा विधानसभा चुनाव लड़ेगी और जीत भी हासिल करेगी. जानकारी हो कि झारखंड मुक्ति मोर्चा की पारंपरिक सीट रही है. चंपई सोरेन पिछले 20 सालों से यहां लगातार चुनाव जीतते रहे हैं, मगर पार्टी छोड़कर जाने के बाद यहां उनके टक्कर का कोई दूसरा नेता नहीं राहा. उसके बाद भुगलू सोरेन और कृष्णा बास्के ने इसका बीड़ा उठाया. उधर भाजपा से टिकट काटे जाने के बाद गणेश महली ने बगावत का रुख अख्तियार कर लिया और झारखंड मुक्ति मोर्चा से टिकट की जुगत में भिड़ गए. उन्होंने और बास्को बेसरा ने झारखंड मुक्ति मोर्चा का रुख कर लिया है. धनबल से लेकर बाहुबल के मामले में दोनों नेता झारखंड मुक्ति मोर्चा के किसी भी जमीनी कार्यकर्ता की तुलना में काफी मजबूत है. मगर झारखंड मुक्ति मोर्चा की के जमीनी कार्यकर्ताओं को अब भी भरोसा है कि पार्टी आला कमान जमीन से जुड़े नेताओं को ही टिकट दे. आदित्यपुर स्थित झारखंड मुक्ति मोर्चा कार्यालय में महिला कार्यकर्ताओं ने बैठक कर शीर्ष नेतृत्व से भुगलू सोरेन को टिकट दिए जाने की मांग की.
बाईट
सोनामनी लोहार (झामुमो नेत्री)