आदित्यपुर: झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड (जेबीवीएनएल) के अंतर्गत आदित्यपुर विद्युत प्रमंडल में ओवरहेड बिजली तारों के कारण जानमाल की सुरक्षा का खतरा बना हुआ है. इस मुद्दे को लेकर झारखंड लीगल एडवाइजरी एंड डेवलपमेंट ऑर्गनाइजेशन ने राज्य के मुख्य सचिव, ऊर्जा सचिव और गृह सचिव को एक लिखित आवेदन भेजा है, जिसमें सभी एचटी और एलटी बिजली तारों को अंडरग्राउंड करने की मांग की गई है. पत्र में बताया गया है कि आदित्यपुर झारखंड का सबसे बड़ा औद्योगिक क्षेत्र है, जहां सैकड़ों छोटे- बड़े उद्योग स्थापित हैं. साथ ही, यहां करीब 4 लाख की आबादी निवास करती है. आदित्यपुर विद्युत प्रमंडल से हर वर्ष 300 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होता है, जो झारखंड के शीर्ष 5 राजस्व अर्जक क्षेत्रों में शामिल है.
आदित्यपुर में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड और जुस्को के द्वारा बिजली आपूर्ति की जाती है. जुस्को के अधिकतर बिजली तार अंडरग्राउंड हैं, जबकि झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के 80 किलोमीटर एचटी और 1000 किलोमीटर एलटी लाइन अब भी ओवरहेड हैं. ये तार घनी आबादी, मुख्य सड़कों, स्कूलों की छतों और धार्मिक जुलूस मार्गों से गुजरते हैं, जिससे जानमाल का बड़ा खतरा बना रहता है.
धार्मिक जुलूस को खतरा
आदित्यपुर में प्रतिवर्ष दुर्गा पूजा, काली पूजा, सरस्वती पूजा, गणेश पूजा, रामनवमी, मुहर्रम, तजिया समेत सैकड़ों धार्मिक जुलूस निकाले जाते हैं. इन जुलूस मार्गों पर कई जगहों पर एचटी और एलटी लाइनें ओवरहेड हैं, जिनकी वजह से हर साल दुर्घटनाएं होती हैं. कई जगहों पर जैसे रोड नंबर 7 और रोड नंबर 19 में दो अलग- अलग फीडरों की एचटी लाइनें केवल 6- 7 फीट की दूरी पर समानांतर रूप से गुजरती हैं, जिससे खतरा और बढ़ जाता है.
बिजली बंद होने से राजस्व और जनता को नुकसान
धार्मिक जुलूस के दौरान सुरक्षा कारणों से एचटी और एलटी लाइन बंद करनी पड़ती है. इस वजह से हर साल करीब 30 दिनों तक बिजली आपूर्ति घंटों बाधित रहती है. इससे न केवल लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान होता है, बल्कि जनता को भी भारी असुविधा का सामना करना पड़ता है. वहीं, जुस्को के तार अंडरग्राउंड होने के कारण बिजली आपूर्ति जारी रहती है.
तारों को अंडरग्राउंड करने की मांग
आवेदन में आग्रह किया गया है कि आदित्यपुर में झारखंड बिजली वितरण निगम लिमिटेड के सभी 80 किलोमीटर एचटी और 1000 किलोमीटर एलटी तारों को अविलंब अंडरग्राउंड किया जाए. धार्मिक जुलूस मार्गों पर तारों को प्राथमिकता के आधार पर अंडरग्राउंड करने की भी मांग की गई है, ताकि दुर्घटनाओं और बिजली आपूर्ति बाधित होने की समस्या का स्थायी समाधान हो सके.