आदित्यपुर: भगवान न करे किसी को थाने की जरूरत हो. मगर यदि जरूरत पड़ गयी तो आपको कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है. मसलन शिकायत दर्ज करना, शिकायत की कॉपी लेना उसके बाद कार्रवाई की बाट जोहना. ऐसे कई परेशानियों का सामना अक्सर लोगों को करना पड़ता है. ज्यादातर फरियादी ऐसे होते हैं जिन्हें लिखना- पढ़ना भी नहीं आता. थाना के बाबू उन्हें शिकायत लिखकर देने की सलाह देते हैं, ऐसे में अनपढ़ फरियादी दूसरों पर आश्रित हो जाते हैं.
आदित्यपुर थाने के इर्दगिर्द ऐसा नजारा अक्सर देखने को मिलता है, मगर यहां युवा नेता विशेष कुमार तांती उर्फ बाबू तांती वैसे फरियादियों का मसीहा बना हुआ है. फरियादी चाहे कोई हो उसकी पीड़ा सुन अपनी कागज अपना कार्बन लेकर उसके बताए पीड़ा को लिख देता है, न कोई शुल्क, न फीस, बाबू न जात देखता है न पात, ये भी नहीं देखता कि उससे उसे क्या लाभ हो सकता है. यहां तक कि बाबू अपने स्तर से सुलह कराने का भी हर संभव प्रयास करता है. बाबू का यह सिलसिला सालों से चला आ रहा है. उसके इस प्रतिबद्धता के थाना कर्मी भी कायल हो गए हैं. अब वैसे फरियादियों को थाना कर्मी स्वतः ही बाबू तांती के पास भेज देते हैं. बाबू कभी किसी फरियादी को निराश नहीं करता है. बाबू को प्यार से लोग नेताजी कहकर बुलाते हैं.
कौन है बाबू तांती
बाबू तांती किसी परिचय का मोहताज नहीं है. सुबह से लेकर देर रात तक अपनी बाबू सड़कों पर मोटरसाइकिल पर भटकता मिल जाता है. सड़क दुर्घटना में यदि कोई घायल हो गया तो उसे अस्पताल भिजवाना हो या किसी भूखे को खाना खिलाना हो, अस्पताल में किसी को इलाज कराना हो, या किसी फरियादी की शिकायत लिखना हो बाबू सहज उपलब्ध हो जाता है. वैसे पिछले नगर निगम चुनाव में बाबू तांती ने अपनी किस्मत आजमाई थी. टीएमसी के टिकट पर मेयर पद का चुनाव लड़ा था, मगर ग्लैमर की चकाचौंध के कारण वह चुनाव हार गया था, मगर उसने हार नहीं मानी. समाज सेवा उसने नहीं छोड़ी, और अपने अभियान में जुट गया. बाबू कहने को राजनीतिक दल का नेता जरूर है, मगर उसे सभी दल के लोगों का समान प्यार मिलता है. किसी के बुलावे पर वह किसी भी कार्यक्रम में पहुंच जाता है. यह उसकी विशेष अदा है.
एकबार फिर से नगर निगम चुनाव की क्षेत्र में तैयारी शुरू हो चुकी है. हालांकि कुछ समय के लिए चुनाव टल गया है, मगर संभावित प्रत्याशी अपने- अपने हिसाब से गणित बैठाने में जुटे हैं. चुनाव से पूर्व क्षेत्र की जनता को प्रत्याशियों की क्षमता के आंकलन का और वक्त मिल गया है.
हालांकि रोस्टर प्रणाली ने कई संभावित उम्मीदवारों के उम्मीदों पर पानी फेर दिया है. प्रत्याशी रोस्टर में तब्दीली की उम्मीद लगाए अपनी तैयारी कर रहे हैं. बाबू तांती भी नगर निगम वार्ड 20 से अपना किस्मत आजमाने की तैयारी में जुटा है. बाबू ने बताया कि चुनाव एक प्रक्रिया है इसमें हिस्सा लेना जरूरी है. जनता के लिए मैं 24 घंटे उपलब्ध रहता हूं जनता को समझना होगा कि उन्हें कैसा जनप्रतिनिधि चाहिए जब पावर नहीं है तब मैं जनता की दिन-रात सेवा करता रहता हूं पावर मिलने के बाद मेरे व्यवहार में कोई तब्दीली नहीं आएगी उनकी सेवा निरंतर जारी रहेगी. सामने वाले प्रतिद्वंदी की दावेदारी को लेकर बाबू ताकि ने बताया, कि चुनाव में जनता मालिक होती है. जनादेश का सभी को सम्मान करना चाहिए. सामने वाला धनबल में मुझसे ताकतवर जरूर हो सकता है, लेकिन जनसमर्थन मेरे साथ खड़ा है. इस बार उनका आशीर्वाद जरूर मिलेगा.