आदित्यपुर औद्योगिक क्षेत्र की कंपनी जिंको इंडिया और पीटीपीसी का विवाद गहराता जा रहा है. कंपनी का मुद्दा पार्टनरशिप विवाद में है. जिसमें जियाडा द्वारा तीन- तीन दावेदारों का पक्ष हाई कोर्ट के निर्देश पर सुनने के बाद जियाडा के टर्म ऑफ कंडीशन का उल्लंघन पाए जाने पर प्लॉट का आवंटन ही रद्द कर दिया गया है. जिसके आवंटन के पुनर्बहाली करने की मांग को लेकर क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन से सिया का प्रतिनिधि मंडल अध्यक्ष संतोष सिंह के नेतृत्व में बुधवार को मिला है.
प्रतिनिधि मंडल को निदेशक ने स्पष्ट रूप में कहा है कि मैंने सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद नियम संगत फैसला सुनाते हुए प्लॉट का आवंटन रद्द कर दिया है, आप इस फैसले के विरुद्ध उद्योग सचिव के यहां अपील में जा सकते हैं. उद्यमियों के अनुसार जिस कंपनी के ऊपर करोड़ों रुपए का बैंक ऋण है, उसे कैसे जियाडा कंपनी का प्लॉट आवंटन रद्द कर दी है. सिया अध्यक्ष संतोष कुमार सिंह, महासचिव उदय सिंह और कोषाध्यक्ष आशीष घोष ने बताया कि कंपनी को महिला उद्यमी सिद्धि सिंह ने आशा अग्रवाल नामक महिला उद्यमी से खरीदी है. इस कंपनी को डेवलप करने के लिए 4 करोड़ का ऋण पंजाब नेशनल बैंक आदित्यपुर से अपने घर को मॉर्गेज पर रखकर सिद्धि सिंह ने ली थी. अब कैसे जियाडा ने आवंटन रद्द कर दिया है. वे लोग क्षेत्रीय निदेशक के पास अपनी बात रख चुके हैं अब आगे उद्योग सचिव के पास अपील करेंगे.
*क्या कहते हैं क्षेत्रीय निदेशक*
इस संबंध में जियाडा के क्षेत्रीय निदेशक प्रेम रंजन ने बताया कि उक्त प्लॉट का मूल आवंटी आशा अग्रवाल हैं. जिनसे सिद्धि सिंह ने प्लॉट खरीद ली हैं, और सिद्धि सिंह द्वारा उस प्लॉट पर तीसरे उद्यमी अनुशील वासुदेव के साथ मिलकर साझेदारी का उद्योग परफेक्ट पैकेजिंग एंड टूल्स (पीटीपीसी) चलाने लगे. यह पूरी प्रक्रिया जियाडा के बगैर नॉलेज दिये हुआ है, जो कि जियाडा के टर्म ऑफ कंडीशन का सीधे उल्लंघन है. अब इस प्लॉट पर बैंक द्वारा क्यों औऱ कैसे दूसरे- तीसरे पार्टी को ऋण आवंटित किया गया है यह सोचनीय है. हमने 2 जून को सभी पक्षों की दलील सुनने के बाद प्लॉट का आवंटन रद्द कर दिया है. जिसके विरुद्ध 2 जुलाई तक अपील में जाने की अवधि भी समाप्त हो चुकी है. इसलिए आज हमने सरायकेला जिला प्रशासन से दंडाधिकारी की नियुक्ति कर प्लॉट को सील करने की कार्रवाई भी शुरू कर दी है.