आदित्यपुर: जियाडा द्वारा आवंटित जमना ऑटो प्राइवेट लिमिटेड के जमीन पर ग्रामीणों संग चल रहा विवाद मंगलवार को कुछ शर्तों पर समाप्त हो गया. हालांकि ग्रामीणों ने मंगलवार को फिर से विरोध शुरू किया, मगर पुलिस- प्रशासन की मुश्तैदी और मंत्री चंपाई सोरेन के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में ग्रामीणों ने कुछ शर्तें रखी जिसे जमना ऑटो के अधिकारियों ने मानते हुए खेल के मैदान का समतलीकरण का काम शुरू करवा दिया है.
इन शर्तों पर माने ग्रामीण
ग्रामीण 95 मीटर लंबा और 65 मीटर चौड़ा फुटबॉल मैदान एवं 20 फीट का रास्ता बनाने की शर्त रखी थोड़ा बहुत विवाद हुआ मगर जमना ऑटो लिमिटेड के अधिकारियों ने इसपर अपनी सहमति प्रदान करते हुए सीमांकन का काम शुरू करवा दिया. इस दौरान भारी संख्या में पुलिस कर्मियों की तैनाती रही.
थानेदार की भूमिका सराहनीय
जैसे ही ग्रामीणों द्वारा मंगलवार को काम के विरोध की सूचना आदित्यपुर थाना प्रभारी राजन कुमार को मिली वे मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों के आक्रोश को समझा- बुझाकर शांत कराते हुए वार्ता के लिए तैयार किया. इसमें सीओ गिरेन्द्र टूटी, दंडाधिकारी सत्येंद्र महतो, ट्रैफिक इंस्पेक्टर राजेश कुमार, सब इंस्पेक्टर सत्यवीर सिंह, अविषेक कुमार, गम्हरिया थाना से पहुंचे सब इंस्पेक्टर भास्कर ठाकुर, जमना ऑटो के एक्जयूटिव डायरेक्टर एसपी सिंह कोहली, प्लांट हेड सुधीर चंदेल, झामुमो नेता रंजीत प्रधान, महेश्वर महतो, दीपक मंडल आदि मौजूद थे.
छः महीने से झेल रहे थे परेशानी, अब जगी उम्मीद: जमना ऑटो
कंपनी के एक्जयूटिव डायरेक्ट एसपी सिंह कोहली ने बताया कि प्रबंधन की मंशा ग्रामीणों के साथ आपसी समन्वय स्थापित कर उनका सर्वांगीण विकास में सहभागी बनना है. हम शुरू से ही खेल के मैदान को विकसित करने के लिए तैयार थे. मगर वे मानने को तैयार नहीं हो रहे थे. 13.5 एकड़ जमीन हमे आयडा से आवंटित हुआ है, हमने ग्रामीणों की सुविधा के लिए करीब 1.50 एकड़ जमीन हमारी ओर से खेल के मैदान के रूप में छोड़ा गया है. साथ ही उसे विकसित भी किया जाएगा. हमें खुशी होगी कि हम ग्रामीणों को सीएसआर के तहत सुविधा दे सकें. इसके अलावा और भी जो सुविधाएं होगी भविष्य में ग्रामीणों को मुहैया कराई जाएगी.