सरायकेला/ Pramod Singh सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर थाने की मिट्टी बेहद ही उर्वरा है. एक बार जो अधिकारी यहां के मिट्टी का फसल खा ले उसे कहीं दूसरी जगह मन लगता ही नहीं है. घूम- फिरकर वे आदित्यपुर के आसपास ही रह जाते हैं.
ऐसे ही एक अधिकारी रासबिहारी यादव हैं, जिनका पदस्थान फिलहाल दलभंगा ओपी में है, मगर उनको आदित्यपुर के मिट्टी से इस कदर जुड़ाव है कि वे दलभंगा में कम आदित्यपुर डीवीसी मोड़ पर ड्यूटी बजाते ज्यादा नजर आते हैं. अब डीवीसी मोड़ पर वे किसकी ड्यूटी बजाते हैं ये वही जानें. सूत्र बताते हैं कि रासबिहारी यादव ब्राउन शुगर पैडलरों के सबसे बड़े सेटर हैं. उनके ही इशारे पर ब्राउन शुगर पेडलर अभी भी चलते हैं. बताया जाता है कि वे यहां ट्रैफिक पुलिस बनकर बाहरी गाड़ियों से उगाही भी करते हैं. डीवीसी मोड़ से यादव उन्हीं की ड्यूटी बजाते हैं. वैसे अभी जो आपको हम बताने जा रहे हैं वह आपको और हैरान कर देगा.
रासबिहारी यादव एएसआई
रासबिहारी यादव पिछले करीब चार वर्षों से आदित्यपुर गेस्ट हाऊस के कमरा नंबर- 8 में रह रहे हैं. हैरान करने वाली बात ये है कि इस दौरान उनका पदस्थान जिले के अलग- अलग थानों में हुआ, मगर वे कभी भी वहां नहीं रहे, उनका ठिकाना आदित्यपुर गेस्ट हाउस का कमरा नंबर 8 ही रहा बताया जाता है कि उनके खिलाफ विभागीय जांच भी हुई थी, जिसकी रिपोर्ट दबा दी गयी. आरोप था कि यहां वे यहां बाहरी लड़कियों को लाते हैं. रिपोर्ट आने के बाद उनका तबादला नीमडीह कर दिया गया था. जांच एएसआई सत्यवीर सिंह ने की थी. हालांकि इस रिपोर्ट को दबा दिया गया और वे आज भी उसी कमरे की शोभा बढ़ा रहे हैं.
आदित्यपुर गेस्ट हाउस का कमरा नम्बर- 8 जिसमें एएसआई पिछले ढाई साल से रह रहे हैं
बता दें कि आदित्यपुर से दलभंगा की दूरी करीब 60 किलोमीटर है. ऐसे में जरा सोचिए की पुलिस का एक जिम्मेदार पदाधिकारी मोटरसाइकिल से हर दिन 120 किलोमीटर दूरी तय कर कितना ड्यूटी बजा रहा होगा ! मंगलवार को हमारी टीम ने रासबिहारी यादव की मोटरसाइकिल संख्या JH05CY- 8652 को एकबार फिर से डीवीसी मोड़ पर खड़ा पाया. इसको लेकर हमने दलभंगा ओपी प्रभारी सन्नी टोप्पो से बात किया तो उन्होंने बताया कि श्री यादव सोमवार से आदित्यपुर थाने के किसी अनुसंधान के मामले में छुट्टी पर है. अब सवाल यह उठता है कि डीवीसी मोड पर किस बात का अनुसंधान चल रहा है ? वहीं डीवीसी मोड़ के दुकानदारों से पूछने पर पता चला कि सुबह- शाम साहब की गाड़ी यहां खड़ी रहती है. कब किस दुकान में बैठकर क्या करते हैं नहीं पता, हालांकि इस दौरान संदिग्ध लोगों का आना- जाना बढ़ जाता है.
DVC मोड़ पर खड़ी ASI की पल्सर बाइक
वहीं जब हमने गेस्ट हाउस के मालिक के मोबाइल नंबर 9110919994 पर संपर्क कर रासबिहारी यादव के संबंध में पूछा तो उन्होंने बताया कि पिछले करीब ढाई साल से वे यहां रह रहे हैं. हालांकि इसमें सच्चाई नहीं थी फिर भी ढाई साल गेस्ट हाउस में रहकर ड्यूटी बजाना वाकई हैरान करने वाली बात है. वैसे गेस्ट हाउस के मालिक ने उनके स्थायी रूप से वहां रहने पर चिंता जताई, मगर विभाग का हवाला देकर उन्होंने ज्यादा कुछ भी बोलने से मना कर दिया. गौर करने वाली बात यह है, कि गेस्ट हाउस का किराया न्यूनतम यदि ₹ 500 प्रतिदिन ही हो तो ₹ 60 हजार वेतन पानेवाले अधिकारी ₹15 हजार रुपए किराया देकर गेस्ट हाउस में क्यों रह रहा है, जबकि उन्हें विभाग की ओर से मुफ्त मेस एवं रहने की सुविधा उपलब्ध है.
बताया जाता है कि रासबिहारी यादव को राजद के एक खास नेता का वरदहस्त प्राप्त है. जो रासबिहारी के शिकायत पर जिले के अधिकारियों के खिलाफ उटपटांग पत्रकार करके परेशान करता रहता है. खैर जिले के नए एसपी काफी सुलझे हुए तेज तर्रार अधिकारी हैं. उम्मीद है कि इस रसूखदार एएसआइ के संबंध में अधिक जानकारी जुटाकर कार्रवाई करेंगे.