आदित्यपुर: बीते 1 जनवरी को जमशेदपुर के सर्किट हाउस एरिया में हुए सड़क हादसे में मारे गए आदित्यपुर बाबा कुटी के छः युवकों के परिजनों से मिलने चार दिन बाद सांसद गीता कोड़ा गुरुवार को बाबा कुटी पहुंची और परिजनों से मिलकर उन्हें सांत्वना दी. साथ ही भरोसा दिलाया कि हर संभव सहयोग करेंगे.
अहम सवाल ये है कि आखिर किस तरह का सहयोग सांसद करेंगी ? इस सवाल पर संसद बिफर पड़ी और नपे- तुले अंदाज में जवाब देकर चलती बनी. वैसे इस मामले में केंद्रीय मंत्री अर्जुन मुंडा भी कन्नी काट गए हैं. उनके साथ भाजपा के कई दिग्गज जुटे थे जिसमें आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व मेयर विनोद कुमार श्रीवास्तव, उप मेयर बॉबी सिंह, पूर्व भाजपा प्रत्याशी गणेश महाली ने भी कोई आर्थिक सहयोग की घोषणा नहीं की. हां सांत्वना जरूर दिया.
बता दें कि मारे गए सभी युवकों के परिजन इंडस्ट्रियल एरिया में मजदूर हैं. आपदा प्रबंधन विभाग से मिलनेवाला सहयोग कब मिलेगा ये तो सरकारी प्रक्रिया है, मगर इतने बड़े विपदा में न तो केंद्रीय मंत्री का मदद परिजनों को मिला, न सांसद का. स्थानीय विधायक सह मंत्री चंपाई सोरेन तो सरकार पर छाए संकट में अपनी भूमिका तलाशने की जुगत में जुटे हैं. उन्होंने तो पीड़ित परिवार के लोगों से मिलना भी जरूरी नहीं समझा. हां ट्वीट कर अपनी संवेदना जरूर जतायी है.
विदित हो कि 1 जनवरी की अहले सुबह इंडिगो कार से बाबाकुटी के आठ युवक चाय पीने निकले थे. जमशेदपुर के बिष्टुपुर थाना अंतर्गत साईं मंदिर के समीप कार जुस्को के बिजली के खंभे से टकराने के बाद पेड़ से टकरा गई, जिससे गाड़ी के परखच्चे उड़ गए. आठों युवक गाड़ी में ही फंस गए. सूचना पर पहुंची बिष्टुपुर थाना पुलिस ने स्थानीय लोगों की मदद से गैस कटर से गाड़ी को काट- काट कर युवकों को गाड़ी से बाहर निकाला. इनमें पांच की मौके पर ही मौत हो चुकी थी, जबकि एक युवक ने इलाज के क्रम में अस्पताल में दम तोड़ दिया.
मृतकों में पीयूष कुमार (पिता अमित सिंह) अनिरुद्ध कुमार (पिता चंदन यादव) शुभम कुमार (पिता प्रेम रंजन झा) हेमंत कुमार सिंह (पिता नवीन कुमार सिंह) सूरज कुमार शाह (पिता रंजीत शाह) और अनिकेत कुमार (पिता श्रवण महतो) शामिल हैं. वहीं गंभीर रूप से घायल दो युवकों में हर्ष कुमार झा (पिता जितेंद्र नारायण झा) और रवि झा (पिता सुनील झा) को इलाज के लिए टीएमएच और स्टील सिटी नर्सिंग होम भेजा गया है. उधर देर शाम सभी छः युवकों के शव का बिष्टुपुर पार्वती घाट में अंतिम संस्कार कर दिया गया.