आदित्यपुर: सरायकेला- खरसावां जिले के आदित्यपुर थाना अंतर्गत नारायणपुर में जमीन माफियाओं और सरकारी माफियाओं के मिलीभगत से वन विभाग की जमीन रजिस्ट्री कराने का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. भेद खुलते ही जमीन के कब्जाधारी ने पीड़िता के बेटे को फोन पर गोली मारने की धमकी दी है. जिससे पीड़िता का परिवार दहशत में है. पीड़िता ने पुलिस में शिकायत कर जानमाल की रक्षा के साथ अपने पैसे वापस दिलाने की गुहार लगाई है.
क्या है पूरा मामला जानें
पुलिस को दिए आवेदन में पीड़िता सुधीरा झा ने बताया कि उन्होंने नायरणपुर निवासी नील कमल चौधरी से 2.57 डिसमिल जमीन नारायणपुर में खरीदा था. जमीन का सौदा 5.80 लाख में तय हुआ था. जमीन खरीद में दो जमीन दलाल नन्द किशोर सहाय तथा लाल बाबू सहनी को कुछ पैसे चेक के माध्यम से भुगतान किया था और कुछ नगद दिया था बताया कि तीन लाख रुपए नन्द किसोर सहाय के खाते में एवं बाकी की रकम नगद भुगतान नन्द किशोर सहाय और लाल वावू सहानी के दिया था. जमीन की रजिस्ट्री दिनाक: 12-06-24 को किया गया था. लेकिन जब मैने दाखिल- खारिज (म्यूटेशन) के लिये आवेदन किया तो पता चला कि यह जमीन वन विभाग की है. जिसके बाद उन्हें ज्ञात हुआ कि सभी लोगों ने मिलकर उनसे पैसे ठग लिए और उनके साथ जालसाजी हो गई है. महिला ने लिखित शिकायत के साथ सारे कागजात भी दिए हैं. इधर जमीन के कब्जाधारी नीलकमल चौधरी ने सुधीरा झा के बेटे मोहित झा को फोन कर गोली मारने की धमकी दी है. जिससे सुधीरा झा और उनका परिवार भयभीत है. फिलहाल पुलिस ने मामला दर्ज कर तफ्तीश शुरू कर दी है.
सुलगते सवाल
अहम सवाल ये है कि आखिर वन भूमि की रजिस्ट्री कैसे हुई ? रजिस्ट्रार और दलील लेखक क्या कर रहे थे ? किसके मिलीभगत से वन भूमि की रजिस्ट्री हुई ? वन विभाग क्या कर रहा है ? ऐसे कई सवाल हैं जो साफ दर्शाता है कि माफियागिरी सिस्टम के अंदर और बाहर दोनों जगह सक्रिय हैं. कोई सीना ठोककर माफियागिरी कर रहा है कोई सरकारी चोला ओढ़कर. अब देखना यह दिलचस्प होगा कि पुलिस पीड़िता को इंसाफ दिला पाती है, या माफिया मैनेज करने में कामयाब होता है.