आदित्यपुर: बुधवार की रात पुरुलिया निवासी अंकित मुखर्जी के साथ आदित्यपुर मुस्लिम बस्ती के तीन युवकों द्वारा मारपीट कर घायल करने के मामले में नाटकीय मोड़ सामने आया है. युवक चूंकि बाहर का रहने वाला है इसलिए उसे वास्तविक लोकेशन की जानकारी नहीं होने के कारण उसने अपने शिकायत में घटनास्थल सैनी मेडिकल होने का जिक्र किया था, मगर हमारी पड़ताल में पता चला कि घटनास्थल टाटा- कांड्रा मुख्य मार्ग पर आदित्यपुर स्थित केबी मेडिकल की ओर सर्विस रोड की है.
केबी मेडिकल के ठीक ऊपर स्थित राय गेस्ट हाउस के सीसीटीवी कैमरे में पूरी घटना कैद है. हमारी टीम ने पूरी घटना को सीसीटीवी कैमरे में देखने के बाद पाया कि बुधवार 20 नवंबर की रात 9:05 बजे उक्त युवक को घेरकर आरोपी अफ़रोज़ और उसके दोस्त मुन्ना करीब 20 मिनट तक जानवरों की तरह बीच सड़क पर बेरहमी से पीटता रहा. इस दौरान आते- जाते राहगीरों ने बचाने का भी प्रयास नहीं किया. हालांकि केबी मेडिकल से निकलकर एक युवक ने हल्का सा प्रयास भी किया मगर दोनों युवकों ने अपने अन्य दोस्तों को बुला लिया जिससे सभी राहगीर दहशत में आ गए. करीब बीस मिनट बाद मौके पर पीसीआर वैन पहुंची और उनमें से एक युवक को धर दबोचा जिसे अगले दिन यानी गुरुवार को थाने से छोड़ दिया गया, जबकि अन्य दोनों आरोपियों अफ़रोज़ और मुन्ना को जमानती धारा के आधार पर थाने से ही जमानत दे दी. इसपर पीड़ित युवक ने कड़ी आपत्ति जताते हुए न्यायालय से इंसाफ़ की गुहार लगाने की बात कही है.
युवक ने आशंका जताई है कि राय गेस्ट हाउस द्वारा पुलिस के दबाव में सीसीटीवी फुटेज के साथ छेड़छाड़ किया जा सकता है. उसने बताया कि यदि ऐसा हुआ तो उसके लिए आगे कानूनी लड़ाई मुश्किल हो जाएगी, और उसे इंसाफ नहीं मिलेगा. पीड़ित युवक ने बताया कि दोनों युवको ने भागते- भागते जान से मारने की धमकी दी है, जिससे वह और उसका परिवार दहशत में है. उसने बताया कि बुधवार की रात से ही मैं अपना ईलाज करा रहा हूं. गम्हरिया सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से लेकर एमजीएम अस्पताल तक भटक रहा हूं. जब पुलिस ने आरोपियों को पकड़ लिया था तो कम से कम एक बार उन्हें मेरे समक्ष लानी चाहिए थी. ताकि मुझे मेरी गलती की जानकारी हो जाती. मुझे किस गुनाह की सजा उन्होंने दी जो बीच सड़क पर बेरहमी से पीटा और जान से मारने की धमकी दी. इस तरह से हर कोई कानून की खामियों की वजह से बेकसूर को बीच सड़क पर मारपीट कर आसानी से थाने से ही जमानत पर छूट जाएगा तो आम लोग इंसाफ की उम्मीद किससे करे. उसने केस के जांच अधिकारी रंजीत कुमार की भूमिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि मुस्लिम बस्ती के ब्राउन शुगर कारोबारियों की पैरवी पर युवकों को जमानती धारा के तहत एफआईआर कर थाने से ही जमानत दिलाई गई है. उसने पूरे मामले की न्यायिक जांच की भी मांग की है.
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