आदित्यपुर: सरायकेला जिले के आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र में हाईकोर्ट के आदेश पर आवास बोर्ड की पिच पर शुक्रवार से बड़े तामझाम के साथ क्रिकेट मैच की शुरूआत हुई. जिसमे एक से बढ़कर एक धुरंधर खिलाड़ियों ने अपने हुनर का परिचय दिया, किसी ने बल्लेबाजी में जौहर दिखाए, तो किसी ने क्षेत्ररक्षण में तो किसी ने गेंदबाजी में, मैच का निर्णय देने में जमीनी अंपायर से लेकर तीसरे अंपायर तक की भूमिका अहम रही. अंततः तीसरे अंपायर के निर्णय ने हाईकोर्ट के आदेश को ही चित्त होना पड़ गया.
चलिए अब आपको इस रोमांचक मैच की रनिंग कमेंट्री बताते हैं. दरअसल झारखंड हाई कोर्ट के निर्देश के बाद आवास बोर्ड के जमीन से तीन दिवसीय अतिक्रमण हटाओ अभियान की शुरुआत शुक्रवार से हुई. पहले दिन बड़े तामझाम के साथ आवास बोर्ड ने आदित्यपुर नगर निगम क्षेत्र के आदित्यपुर कॉलोनी में आवास बोर्ड की जमीन पर बने दुकानों, मकानों एवं करीब दो दर्जन झुग्गी झोपड़ियों को जमींदोज किया. फिर क्या था आवास बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण कर बने दुकानों मकानों खटालों, पार्किंग एरिया के अतिक्रमणकारियों में हड़कंप मच गया. फिर शुरू हुआ आवास बोर्ड के पिच पर रोमांचक मुकाबला. सबसे पहले बल्लेबाजी करने उतरे आदित्यपुर नगर परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष सह राजद नेता पुरेंद्र नारायण सिंह. नगर निगम के मेयर बनने का सपना संजोए पुरेंद्र नारायण सिंह नगर निगम के नेट पर जमकर पसीना बहा रहे हैं. फिर इतने बड़े मुद्दे को भला हाथ से कैसे जाने दे देते. उन्होंने सीधा रुख किया मैच के अंपायर यानी स्थानीय विधायक मंत्री चंपई सोरेन के आवास का. पुरेंद्र संभवत मैच फिक्स करने पहुंचे थे. हालांकि मंत्री चंपई सोरेन बेहद ही प्रोफेशनल अंपायर के रूप में जाने जाते हैं. जब तक उन्हें पूर्ण भरोसा नहीं हो जाता वह निर्णय नहीं सुनाते हैं. यही कारण है कि मंत्री चंपई सोरेन का किला आज भी अभेद्य है. पुरेंद्र की ओर से यह कहा गया, कि मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया है, कि सरकार जनहित में फैसला लेगी. संभवत पुरेंद्र को लगा कि उनके बल्ले से जो गेंद निकला है वह सीधा बाउंड्री लाइन के बाहर जाकर गिरा है, यानी उन्होंने विजई छक्का मार दिया है. पहले दिन का खेल खत्म हो गया.
देखें मंत्री से मिलने पहुंचे पुरेन्द्र की तस्वीर
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अब दूसरे दिन का खेल शनिवार को होना था. मैदान में दर्शक यानी अतिक्रमणकारी खचाखच भर चुके थे. मतलब आवास बोर्ड की जमीन पर अतिक्रमण कर बनाए दुकानों, मकानों, झुग्गी झोपड़ियों के अतिक्रमण कारी गलियों मोहल्लों, चौक चौराहों पर जुटने लगे. आवास बोर्ड का बुलडोजर दूसरे दिन की बल्लेबाजी के लिए मैदान में उतरता इससे पहले ही भाजपा नेता गणेश महाली, आदित्यपुर नगर निगम वार्ड 20 के पूर्व पार्षद सुधीर कुमार चौधरी, आदित्यपुर नगर निगम के पूर्व मेयर प्रत्याशी सह कांग्रेसी नेता अंबुज कुमार, भाजपा नेता सतीश शर्मा, अमितेश अमर ने गेंदबाजी का मोर्चा संभाल लिया, और गुगली, फिरकी, बाउंसर, इन स्विंग, आउटस्विंगर और ना जाने कौन-कौन से गेंद फेंकना शुरू कर दिया.
आदित्यपुर नगर निगम के वार्ड 20 के पूर्व पार्षद सुधीर कुमार चौधरी ने कहा मेरी लाश से होकर आवास बोर्ड के बुलडोजर को गुजरी पड़ेगी.
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सुधीर चौधरी
भाजपा नेता गणेश महाली ने कहा सड़क से लेकर सड़क तक सरकार की ईट से ईट बजा देंगे.
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गणेश महाली
कांग्रेसी नेता सह पूर्व मेयर प्रत्याशी अंबुज कुमार ने कहा जान देंगे जमीन नहीं देंगे.
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अंबुज कुमार
बल्लेबाजी करने उतरा आवास बोर्ड का बुलडोजर दिन भर बगैर रन बनाए ही एक छोर पर डाटा रहा. थोड़ी देर के लिए ड्रिंक इंटरवल हुआ सभी खिलाड़ी आगे की रणनीति बनाने में जुट गए.
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वैसे दिन का खेल खत्म होने से पहले ही बल्लेबाज यानी आवास बोर्ड का बुलडोजर रिटायर्ड हर्ट होकर पवेलियन लौटने की तैयारी में जुट गया. कारण पूछने पर आवास बोर्ड के अधिकारी ने बताया, कि अगली कार्रवाई सोमवार को होगी. इसी बीच कांग्रेसी नेता जितेंद्र मिश्रा ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई जिसमें उन्होंने कहा आवास बोर्ड की कार्रवाई गलत है. हाई कोर्ट से कोई निर्देश नहीं आया है. ना ही किसी भी अतिक्रमणकारी को नोटिस दिया गया है. हमने जब आवास बोर्ड के अधिकारी से कागजात और हाईकोर्ट की नोटिस दिखाने की मांग की तो वे बैकफुट पर चले गए और अपनी कार्रवाई रोक दी. साथ ही उन्होंने आवास बोर्ड से अतिक्रमणकारियों को जमीन अलॉट कर देने की मांग की. या आवास बोर्ड के बने मकानों को ही उन्हें अलॉट करने की मांग की. हालांकि ऑफ द रिकॉर्ड उन्होंने यहां तक कह डाला कि अब लड़ाई आर-पार की होगी जान जाए तो जाए पर जमीन नहीं जाने देंगे. हमारे पुरखों ने बड़ी शिद्दत के साथ आवास बोर्ड की जमीन पर सपनों का महल खड़ा किया है. उनके साथ मौजूद झुग्गी झोपड़ियों के लोगों ने खूब जय जयकार किया.
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जितेंद्र मिश्रा कांग्रेसी नेता
इसी बीच देर शाम कांग्रेसी नेता संतोष सिंह और बन्ना गुप्ता फैंस क्लब के अध्यक्ष संजीव उर्फ बबुआ सिंह का एक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो गया कि मंत्री बन्ना गुप्ता के निर्देश पर आवास बोर्ड के सचिव ने अभियान रोकने का निर्देश जारी कर दिया है. अब यह कार्रवाई नहीं होगी. इसका मतलब मैच के थर्ड अंपायर यानी मंत्री बन्ना गुप्ता का आदेश हाईकोर्ट के आदेश से भी ऊपर है. आखिर 2 दिनों तक चले इस मैच में जिस हाईकोर्ट के आदेश के आलोक में आवास बोर्ड के बुलडोजर ने कार्रवाई की वह आदेश कहां है ? हालांकि आवास बोर्ड के अधिकारियों ने जाते-जाते सोमवार को फिर से कार्रवाई करने की बात कही है. हमारी नजर सोमवार की कार्रवाई पर रहेगी. मगर इस मैच का मैन ऑफ द मैच किसे जाता है यह भी देखना दिलचस्प होगा. क्योंकि पुरेन्द्र नारायण सिंह, बबुआ सिंह, संतोष सिंह, अंबुज कुमार, सतीश शर्मा, सुधीर कुमार चौधरी, अमितेश अमर सभी आगामी नगर निगम चुनाव में ताल ठोंकने की तैयारी में जुटे हैं. ऐसे में भला इस मैच से बेहतर मौका उन्हें कब मिल सकता है. बहरहाल दो दिनों के खेल ने ही इस मैच को रोमांचक जरूर बना दिया है, मगर सवाल अब भी वही है कि आखिर कब तक राजनीति के शिकार होते रहेंगे झुग्गी झोपड़ियों के गरीब, पिछड़े, दलित, आदिवासी और निर्धन तबके के लोग ! कब उन्हें वोट बैंक की राजनीति से निजात मिलेगी ? क्यों नहीं जनता अपनी लड़ाई खुद लड़ने का माद्दा उठाती है ? आखिर कब तक गरीब आदिवासी नेताओं और अधिकारियों के हाथों की कठपुतली बने रहेंगे
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