आदित्यपुर: मंगलवार को सिल्ली के पूर्व विधायक अमित महतो ने सरायकेला जिले के आदित्यपुर श्रीडुंगरी में आयोजित प्रतिज्ञा सभा में शिरकत की. बता दें कि श्रीश्री नवयुवक काली पूजा समिति के तत्वावधान में विशाल प्रतिज्ञा सभा का आयोजन किया गया था, जिसमें बाहरी भाषाओं के विरोध एवं खतियान आधारित स्थानीय नीति के मुद्दे पर पूर्व विधायक ने हुंकार भरी और बाबूलाल मरांडी, अर्जुन मुंडा, रघुवर दास, सुदेश महतो, लालू यादव, कांग्रेस से लेकर हेमंत सोरेन तक पर निशाना साधा.
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उन्होंने सभी को मौकापरस्त राजनेता करार देते हुए स्थानीय आदिवासियों मूलवासियों को ठगने का आरोप लगाया. सिल्ली के पूर्व विधायक ने पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी को पॉलीटिकल स्टंटमैन करार देते हुए कहा, कि उन्होंने 1932 के आधार पर नियोजन नीति की बात कही थी, जिस पर विरोध होने के बाद उन्हें भाजपा से निष्कासित कर दिया गया था. उन्होंने कहा था, कि कुतुब मीनार से कूदना मंजूर करूंगा, लेकिन भाजपा में दोबारा वापस नहीं लौटूंगा. आज वे कुतुबमीनार से कूद भी गए और जिंदा भी बच गए.
वहीं पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा पर आंदोलनकारियों की आवाज दबाने का आरोप लगाया और कहा जब- जब युवाओं ने हक और अधिकार को लेकर आंदोलन किया उन्हें अर्जुन मुंडा ने फंसाने का काम किया. झारखंड की जनता को उनसे काफी उम्मीदें थी, मगर वे ऐसा कर पाने में नाकाम साबित हुए. पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास को उन्होंने बाहरी करार देते हुए कहा, कि घर के दर्द को बाहरी क्या समझेंगे. वही आजसू सुप्रीमो कहे जाने पर सिल्ली के विधायक सुदेश महतो ने उन्हें आड़े हाथ लिया और कहा, कि जब से झारखंड अलग हुआ है, किसी न किसी रूप में वे सत्ता और सत्ता के इर्द- गिर्द बने रहे हैं यहां तक कि उप मुख्यमंत्री भी बने, मगर झारखंड की जनता के लिए कुछ भी नहीं किया. आज हेमंत सोरेन की सरकार से 1932 के खतियान के आधार पर नियोजन नीति की मांग कर विधानसभा घेराव कर ड्रामेबाजी कर रहे हैं.
राजद सुप्रीमो लालू यादव पर तंज कसते हुए सिल्ली के पूर्व विधायक ने कहा, कि उन्होंने कहा था कि झारखंड उनकी लाश पर बनेगी, मगर अब वे उन्हीं झारखंडियों की लाश पर राजनीति कर रहे हैं. वर्तमान मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर भी झारखंड की जनता को ठगने का आरोप लगाया. प्रतिज्ञा सभा को संबोधित करते हुए सिल्ली के पूर्व विधायक ने खतियान आधारित नियोजन नीति की लड़ाई लड़ने के लिए जनता से समर्थन मांगा. उन्होंने कहा, कि इस आंदोलन को अब अंजाम तक पहुंचाना है. इससे पूर्व सरायकेला सर्किट हाउस से लेकर श्री डूंगरी तक अमित महतो का गर्मजोशी से स्वागत किया गया और उनके समर्थन में जमकर नारेबाजी हुई. बताते चलें कि फिलहाल सूबे में भाषा विवाद चरम पर है. साथ ही 1932 खतियान आधारित स्थानीय नीति की मांग जोर पकड़ चुकी है. राज्य भर के विभिन्न संगठन बढ़चढ़ कर इस मुद्दे पर सक्रिय हैं. इसी के तहत श्रीडूंगरी में भाषा विवाद एवं स्थानीय नीति पर विशाल जनसभा का आयोजन किया गया था. कार्यक्रम में राज्य भर के आदिवासी और मूलवासियों ने शिरकत की.
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